हिमाचल प्रदेश के 4.06 लाख बैंक खाताधारक दो लाख रुपये दुर्घटना बीमा कवर से बाहर हो गए हैं। इसका कारण यह है कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत जारी हुए Rupay card का इन खाताधारकों ने एक बार भी इस्तेमाल नहीं किया। योजना में स्पष्ट है कि खाताधारक Rupay card का एक बार भी इस्तेमाल नहीं करता है तो उसे बीमा कवर का लाभ नहीं मिलेगा। प्रदेश में 12 लाख Rupay card में से आठ लाख ही सक्रिय हैं। इन आठ लाख उपभोक्ताओं को लाभ लेना है तो Rupay card एक्टिव करना होगा। लाभार्थियों को वित्तीय सहायता देने के लिए केंद्र ने ये खाते खुलवाए थे, लेकिन सहकारी बैंकों के 13.99 व निजी के 25.14% खाते जीरो बैलेंस हैं।
वर्ष 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने यह योजना शुरू की थी। प्रदेश में 30 जून तक 18,41,218 बैंक खाते खुले हैं। इनमें से 1,15,442 खाते जीरो बैलेंस हैं। 6.38% में लेनदेन नहीं हुआ। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 7.40% बैंक खाते जीरो बैंलेंस हैं। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के 17.67 और राज्य सहकारी बैंक के 14.60% खाते जीरो बैलेंस हैं। रिजर्व बैंक से बैंकों को ये खाते खोलने का लक्ष्य मिलता है। ऐसे में आशंका है कि लक्ष्य पूरा करने के लिए कई फर्जी खाते खोले हैं। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति इसकी भी जांच कर सकती है।
किन्नौर में सबसे ज्यादा 12.71%, शिमला में 9.94, बिलासपुर में 5.84, चंबा में 4.43, हमीरपुर में 5.09, कांगड़ा में 5.78, कुल्लू में 5.80, सिरमौर में 8.34, सोलन में 8.19, ऊना में 6.30 और मंडी में 4.25% खाते जीरो बैलेंस हैं।
इसके इलावा एक निजी बैंक ऐसा है, जिसने कुल 22 खाते खोले, उनमें 18 जीरो बैलेंस हैं। इंडियन ओवरसीज बैंक के 25.99%, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के 39.10, इंडियन बैंक के 16.11, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 15.57 और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के 14.77% खाते जीरो बैलेंस के हैं।