Saturday, December 21, 2024
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हिमाचल में 20% तक फीस, 25% तक बढ़े कॉपी-किताबों के दाम

About 20 percent of parents, who are troubled by inflation, have taken their children out of private schools and got admission in government. The normal uniform shoe which used to come in 650 is now 800. The uniform of 1200 has reached 1400 rupees. Steel bottles, school bags, socks have also increased by 10 to 20 percent. Most of the schools in Mandi district have seen the highest increase in admission fees by 20 percent. If the parents are to be believed, the increase in the prices of copies is being seen in two ways. The prices of copies of local brands have increased. Page count is reduced. The copy of 128 pages became 120 pages. The price went from 20 to 25 rupees. The price of copies of branded companies did not increase, but the pages and size were reduced. Abhilash Gupta of Mahajan General Store, the main dealer in Nerchowk, says that due to the increase in the prices of papers, the prices have increased or pages have decreased. In Shimla district, the price of uniforms, books and copies has increased by 25 percent. There is a preparation to increase private school fees by 5 to 10 percent. The DAV school management of Bilaspur increases the fees by four to five percent every year. The cost of copies and books has increased by 10 to 15 percent. Stationery prices have increased by 20 to 25 percent in district Hamirpur. The prices of school uniforms have also increased by 10 to 15 per cent.

Himachal schools admission fees

कोरोना काल के दो साल बाद नए सत्र में स्कूल फीस और स्टेशनरी महंगी होने से अभिभावकों पर दोहरी मार पड़ेगी। हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर स्कूलों ने 10 से 20 फीसदी तक दाखिला फीस बढ़ा दी है। किताबों-कॉपियों के दाम भी 15 से 25 फीसदी तक बढ़ गए। स्कूल-वर्दी और जूते भी महंगे हो गए। जूतों पर टैक्स पांच से 12 फीसदी हो गया।

महंगाई से परेशान करीब 20 फीसदी अभिभावकों ने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर सरकारी में दाखिला दिला दिया है। सामान्य वर्दी का जूता जो 650 में आता था, अब 800 का है। 1200 वाली वर्दी 1400 रुपये तक पहुंच गई है। स्टील बॉटल, स्कूल बैग, जुराबों में भी 10 से 20 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। मंडी जिले के अधिकांश स्कूलों में सबसे ज्यादा 20 फीसदी तक दाखिला फीस में बढ़ोतरी हुई है। अभिभावकों की मानें तो कॉपियों की कीमतों में दो तरीके से वृद्धि देखी जा रही है।

लोकल ब्रांड की कॉपियों के दाम बढ़ गए हैं। पेज संख्या कम हो गई है। 128 पेज की कॉपी 120 पेज की हो गई। कीमत 20 से 25 रुपये हो गई। ब्रांडेड कंपनियों की कॉपियों के दाम नहीं बढ़े, लेकिन पेज और साइज घटा दिए। नेरचौक स्थित मुख्य डीलर महाजन जरनल स्टोर के अभिलाष गुप्ता का कहना है कागजों की कीमतों में बढ़ोतरी होने के चलते कीमतों में इजाफा हुआ है या पेज कम हुए हैं।

शिमला जिले में वर्दी, किताबें-कॉपियां के दाम में 25 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। निजी स्कूल फीस में 5 से 10 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी है। बिलासपुर का डीएवी स्कूल प्रबंधन हर साल फीस में चार से पांच फीसदी की बढ़ोतरी करता है। कॉपी और किताबों के दामों में 10 से 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जिला हमीरपुर मेें स्टेशनरी की कीमतें 20 से 25 फीसदी बढ़ी हैं। स्कूल वर्दी के दाम भी 10 से 15 फीसदी बढ़े हैं।

दसवीं की किताबें-कॉपियां 5000 रुपये में मिल रहीं

निजी प्रकाशकों ने किताबों की कीमतें बढ़ाई हैं। पिछले साल नर्सरी से कक्षा तीन तक की किताबों-कापियों का सेट तीन हजार रुपये में पड़ता था। इस साल यह सेट 3500-3800 रुपये के आसपास है। पिछले साल कक्षा 4 व 5 की पुस्तकों का सेट 3600-3800 रुपये था। इस साल इसमें 15 फीसदी की वृद्धि हो गई है। छठी से आठवीं तक का 4000 था, अब 4500 में और नौवीं से दसवीं का सेट 4500 से सीधे 5000 तक पहुंच गया है।

हिमाचल में इस तरह बढ़ी स्कूल फीस

एक निजी स्कूल में दसवीं कक्षा की न्यू एडमिशन में पहले जहां अभिभावक को अप्रैल में मई-जून की फीस के साथ 14 हजार रुपये तक चुकाने पड़ रहे थे, इस सत्र में 16500 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं। दो माह की फीस जहां 5400 थी अब वही फीस 6200 कर दी गई है।

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