KYC banned again for ration in depots Himachal
हिमाचल प्रदेश में सभी राशन कार्ड धारकों को परिवार सहित राशन डिपो जाकर केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के आदेश पर हिमाचल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि डिपो संचालक पहले की तरह राशन वितरण का कार्य पहले की तरह करते रहेंगे। यदि अब क़ोई विभागीय अधिकारी डिपो संचालकों पर केवाईसी अपडेट करने के लिए दबाब बनाता है तो यह कोर्ट के आदेशों की उलंघना माना जाएगा।
प्रदेश डिपो संचालक समिति की तरफ से दायर याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सत्येन बैध ने ये आदेश पारित किए। याचिका में कहा गया है कि सरकार डिपो होल्डर्स को कमीशन एजेंट कहती रही है। विभाग ने इस कार्य के लिए सिम पोज मशीनों में डाली है, लेकिन सिम के लंबे अरसे से बंद होने की वजह से मशीनों में कनेक्टिविटी नहीं है। बिना कनेक्टिविटी के उपभोक्ताओं की केवाईसी वेरिफिकेशन सम्भव नहीं है। डिपो धारक अपनी जेब से पैसा खर्च कर अपनी सिमों के माध्यम से काम चला रहे हैं। समिति की ओर से विभाग के केवाईसी करवाने के आदेशों पर स्टे लगाने की गुहार लगाई गई है। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।
बता दें कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में सभी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लाभार्थियों की ई-केवाईसी करने के निर्देश दिए थे, परंतु कोविड-19 के कारण यह कार्य नहीं किया जा सका। अब कोरोना संकट से देश करीब-करीब उभर गया है और स्थिति सामान्य होने के कारण अब शत-प्रतिशत लाभार्थियों की ई-केवाईसी करने के निर्देश दिए हैं।
हिमाचल सरकार (Himachal Government) के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को नए सिरे से अपना केवाईसी अपडेट की समय सीमा 15 जून 2022 तक के लिए रखी गई है।
विभाग के मुताबिक ई-केवाईसी करवाना प्रत्येक राशन कार्ड धारक को अति आवश्यक है। इसके लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य को उचित मूल्य की दुकान पर जाना होगा अथवा उचित मूल्य दुकानदार गांवों में जाकर भी यह प्रक्रिया पूरी कर सकता है। सरकार द्वारा प्रत्येक सफल ई-केवाईसी के लिए उचित मूल्य की दुकान के संचालक को चार रुपये प्रति प्रविष्टि पारिश्रमिक के रूप में दिया जा रहा है। इस प्रक्रिया के लिए उपभोक्ता के पास राशन कार्ड संख्या या आधार संख्या होना अनिवार्य है।