Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu ने पूर्व BJP government के दौरान आखिरी समय में खोले गए दफ्तरों को बंद करने के फैसले पर सचिवालय में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि Former Chief Minister Jairam Thakur को बजट के साथ घोषणाएं करनी चाहिए थीं।
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जो दफ्तर ही बिना बजट प्रावधान के खोले गए, वे कैसे चलेंगे? गौरतलब है कि पूर्व Chief Minister Jairam Thakur ने Congress government पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया था।
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Chief Minister Sukhu ने कहा कि सोमवार को जब कांग्रेस विधायकों की पांच सदस्यीय समिति ने इन मामलों की समीक्षा की तो पता लगा कि पैसे नहीं थे, फिर भी नए दफ्तर खोले जा रहे थे। सरकार के अफसरों ने ही बताया कि पूर्व सरकार में सिर्फ यह कहा जा रहा था कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए जितनी घोषणा करनी है, कर दी जाएं, क्योंकि चुनाव जीतना है।
यदि वापस आ गए, तो तीन साल में इन्हें खोलते रहेंगे और यदि कांग्रेस आई, तो यह उनके सिर पर जाएगा। सुखविंदर सिंह ने कहा कि ऐसे स्कूल भी खोले गए, जहां न बजट है, न शिक्षक हैं, न ही बच्चे हैं। अब संबंधित प्रशासनिक विभाग को इन्हें रद्द करने के लिए कहा गया है।
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साथ में यह भी कहा है कि यदि जरूरत है, तो इन्हें दोबारा कैबिनेट में लाया जाए। जो जयराम सरकार रिटायर्ड और टायर्ड के नाम पर सत्ता में आई थी, उसने ही हजारों एक्सटेंशन और री-एंप्लॉयमेंट दे रखी थीं। भर्तियों में घोटाला हुआ था। क्या इसे ऐसे ही देखते रहें? पूर्व मुख्यमंत्री को नई सरकार के फैसलों पर ट्वीट करने का अधिकार तब था, जब उन्होंने बजट प्रोविजन के साथ फैसले लिए होते।
एक अन्य सवाल के जवाब में श्री सुक्खू ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को 16 दिसंबर को 100 दिन पूरे हो रहे हैं, इसीलिए सभी 40 विधायक इसमें शामिल होने जा रहे हैं। अटल टनल को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम किसी की पट्टिका नहीं हटा रहे। यह भाजपा की परंपरा है। हम सिर्फ शिलान्यास पट्टिका को दोबारा लगाएंगे।
केंद्र जो मर्जी हथकंडे अपनाए, ओल्ड पेंशन बहाल करेंगे
सुखविंदर सिंह सुक्खू से जब यह सवाल पूछा गया कि केंद्र सरकार ने संसद में जवाब दिया है कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान को एनपीएस का पैसा वापस नहीं मिलेगा, तो ऐसे में राज्य सरकार कैसे इस फैसले को लागू करेगी? जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र चाहे जो मर्जी हथकंडे अपना ले, Old Pension Scheme in Himachal को लागू करेंगे।
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जैसे ही पूरी कैबिनेट का गठन हो जाएगा, उसके बाद इस गारंटी को पूरा किया जाएगा। पहली बैठक में ही यह फैसला लिया जाएगा। कर्मचारियों को हमसे उम्मीदें हैं और हम उन उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे।