राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हिमाचल प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों में इस वर्ष पांचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में विद्यार्थियों को फेल नहीं किया जाएगा। कोरोना संकट के चलते सरकार ने लगातार दूसरे साल असेसमेंट के आधार पर ही विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट करने का फैसला लिया है। वर्ष 2019 में पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम के आधार पर अगली कक्षा में भेजने का फैसला हुआ था।
परीक्षा में 33 से कम अंक लाने वाले विद्यार्थियों को अगली कक्षा में नहीं भेजने की बात कही गई थी। मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन हो देखते हुए सरकार ने इस फैसले को लागू नहीं किया था। अब सालभर स्कूल बंद रहने और नियमित कक्षाएं नहीं लगने के चलते शैक्षणिक सत्र 2020-21 के विद्यार्थियों को राहत देते हुए सरकार ने पुराने आदेश इस बार भी लागू नहीं किए हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक शुभकरण सिंह की ओर से इस संदर्भ में सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर दिए गए हैं।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को बीते कई वर्षों से असेसमेंट के आधार पर प्रमोट किया जाता रहा है। हालांकि, इस वर्ष दोनों कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र स्कूल शिक्षा बोर्ड जारी करेगा। उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन स्कूल स्तर पर होगा। इस वर्ष बोर्ड की ओर से इनकी उत्तर पुस्तिकाएं नहीं जांची जाएंगी। उधर, पहली से चौथी और छठी-सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों को इस नियम से बाहर ही रखा गया हैै। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को असेसमेंट के आधार पर ही अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा।
नए शैक्षणिक सत्र के पहले महीने में होगी रिवीजन
एक अप्रैल 2021 से शुरू होने वाले नए शैक्षणिक सत्र के पहले महीने में सभी सरकारी स्कूलों में पुरानी कक्षा के पाठ्यक्रम की रिवीजन करवाई जाएगी। विद्यार्थियों को कोरोना संकट के बाद स्कूल आने पर नियमित पढ़ाई से जोड़ने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस बाबत सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देश भी जारी हो गए हैं।