Monday, October 21, 2024
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बड़ी खबर : पुलिसकर्मियों के लिए ड्यूटी के दौरान Social Media का इस्तेमाल करना बंद

ब्रेकिंग न्यूज़ आपको बता दे की अब policemen government work के दौरान Social Media पर सक्रिय नहीं रह सकेंगे। न ही वर्दी पहनकर ऐसी photos or videos अपलोड कर सकेंगे जो आचरण नियमावली के खिलाफ हो।

बता दे की इस पर रोक के लिए U.P. Police Social Media Policy-2023 लागू कर दी गई है। Director General of Police DS Chauhan ने इसे जारी करते हुए सख्ती से अमल के निर्देश दिए हैं।

खबर आपको यह भी बता दे की अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि कांस्टेबल से लेकर आईपीएस अधिकारी तक पर यह प्रतिबंध लागू किया गया है। दरअसल काफी समय से ऐसे प्रकरण सामने आ रहे थे जिनमें पुलिसकर्मियों द्वारा social media policy and U.P. Government Employees आचरण नियमावली का उल्लंघन किया जा रहा था।

सरकारी कार्य के दौरान बावर्दी अशोभनीय रूप से वीडियो बनाकर उनको सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया गया। इससे विभाग की छवि धूमिल हुई है। इसे रोकने को अब विस्तृत पॉलिसी तैयारी की गई है। इसके अनुसार सरकारी कार्य के दौरान कोई भी पुलिसवाला सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग नहीं कर सकेगा।

कार्यालय एवं कार्यस्थल पर पुलिस वर्दी में वीडियो, रील्स बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट को बैन कर दिया गया है। थाना, पुलिसलाइन्स, कार्यालय के निरीक्षण, ड्रिल, फायरिंग, शिकायतकर्ता के संवाद का लाइव टेलीकास्ट व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउंट पर नहीं डाला जाएगा।

अनुमति भी लेनी होगी

coaching, lectures, live broadcast, chatting, webinars आदि में शामिल होने के लिए पहले अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति social media से Policemen किसी प्रकार की आय नहीं जुटाएंगे। अभिसूचना संकलन या किसी गुप्त ऑपरेशन में लगे कर्मचारी बेहद सख्ती से इसका पालन करेंगे।

जांच की जानकारी शेयर करने पर रोक

पुलिस विभाग में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए उप्र. पुलिस सोशल मीडिया नीति-2023 लागू कर दी गई है। इसमें पुलिसवालों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कहा गया है कि अपराध के अन्वेषण या न्यायालय में लंबित प्रकरणों से संबंधित कोई गोपनीय जानकारी कोई भी पुलिस वाला सोशल मीडिया पर साझा न करे। इसके अलावा गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट, पीड़ित के प्रार्थनापत्र आदि को लेकर भी ऐसे ही निर्देश दिए गए है।

सरकारी व व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह भी अपलोड नहीं कर सकेंगे

  1. यौन शोषित पीड़िता या किशोर, किशोरी तथा किशोर आरोपित दोषी की पहचान, नाम या कोई भी जानकारी
  2. जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड बाकी हो, उनका चेहरा
  3. महिलाओं एवं अनुसूचित जाति/जनजाति की गरिमा को प्रभावित करने वाली तस्वीर या वीडियो
  4. किसी वरिष्ठ अधिकारी या अपने सहकर्मी के विरुद्ध कोई आपत्तिजनक टिप्पणी
  5. विभाग में असंतोष की भावना फैलाने वाली पोस्ट
  6. पुलिस की रणनीति, तकनीक की जानकारी
  7. सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों अथवा राजनीतिक दल, व्यक्ति, विचारधारा और राजनेता के संबंध में टिप्पणी
  8. अश्लील, हिंसात्मक भाषा का प्रयोग एवं अश्लील फोटो, वीडियो
  9. जाति, धर्म, वर्ग, संप्रदाय, व्यवसाय, सेवाएं, संवर्ग, लिंग, क्षेत्र, राज्य आदि के संबंध में भेदभाव पूर्ण, पूर्वाग्रह या दुराग्रह से ग्रसित टिप्पणी
  10. राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े प्रकरण
  11. न्यायालयों की अवमानना के दायरे में आने वाले मामले
  12. आपराधिक छवि के व्यक्ति के साथ पोस्ट फोटो या वीडियो
  13. मादक पदार्थों के प्रभाव में तथा मादक पदार्थों के साथ फोटो, वीडियो
  14. सराहनीय कार्य से संबंधित पोस्ट में अभियुक्तों की फोटो बिना ब्लर किए
  15. बरामद माल एवं हथियार को बिना सील की फोटो, वीडियो
  16. गश्त, वाहन चेकिंग के दौरान
  17. पुलिस वर्दी, सरकारी अस्त्र-शस्त्र, वाहन आदि का प्रयोग करते हुए
  18. पुलिसकर्मियों के सांकेतिक विरोध से संबंधित प्रतीक डीपी या प्रोफाइल रूप में
  19. किसी भी संगठन या राजनीतिक दल को डीपी या प्रोफाइल रूप में नहीं लगाया जायेगा।
  20. ऐसे किसी व्हाट्सएप ग्रुप, पेज को ज्वाइन नहीं करेंगे, जो पुलिस विभाग या सरकार के विरोध में हो एवं जाति, संप्रदाय, क्षेत्रवाद आदि के नाम पर बनाया गया हो। न ही स्वयं ऐसा कोई ग्रुप बनाएंगे।
  21. सरकारी सोशल मीडिया एकाउंट को अपने व्यक्तिगत मोबाइल पर लॉगिन नहीं करेंगे।
  22. बिना सत्यापन के कोई पोस्ट अग्रसारित नहीं करेंगे। अफवाह अथवा भ्रामक खबर की पुष्टि की फैक्ट जांच करेंगे
  23. अभिव्यक्ति में यह स्पष्ट करेंगे कि यह उनके निजी विचार हैं
  24. किसी व्यक्ति को मित्र न बनाएं अथवा फॉलो न करें, जो असामाजिक, आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो।
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