नेता प्रतिपक्ष और पूर्व CM जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार के छह महीने के कार्यकाल की समाप्ति की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार अब तक सभी मोर्चों पर विफल रही है। छह महीने के शासन को केवल अपनी चूक के लिए जाना जाएगा। उनका तर्क है कि दस गारंटी के साथ चुनाव में सत्ता में आई कांग्रेस सरकार अब हिमाचल प्रदेश के लोगों के हितों को भूल गई है और केवल जनविरोधी फैसले लेती है। उन्होंने पिछले छह माह में राज्य सरकार की छह विफलताएं गिनाईं और कहा कि इस सरकार ने पूरे प्रदेश को निराश किया है.
जयराम ने सरकार को बदले की भावना से काम नहीं करने की सलाह दी
जयराम ने कहा कि अभी तक सरकारें लोगों को कुछ देने का काम करती रही हैं, लेकिन जो लोग कहते हैं कि सत्ता में आने पर व्यवस्था बदल देंगे, वे पुरानी संस्थाओं को हटाने का काम कर रहे हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री लॉकप्रिय के नाम से लोकप्रिय हो रहे हैं। उन्होंने सरकार को बदले की भावना से काम नहीं करने की सलाह दी।
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विपक्षी नेता ने कहा कि भाजपा सरकार ने लोगों की गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए विधायक निधि में वृद्धि की, लेकिन साथ ही सरकार ने विधायक निधि पर रोक लगा दी और सरकार और विधायक को कोई भी विकास कार्य करने से रोक दिया. उन्होंने कहा कि हर तरफ सरकार के प्रति निराशा का माहौल है।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार की ये नाकामियां गिनाईं
- सरकार ने बदले की भावना से काम करते हुए 1000 से अधिक कार्यरत संस्थानों पर ताला जड़ा, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
- लाखों लोगों की नौकरी की गारंटी देकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही 6000 से अधिक आऊटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाला। कई कर्मचारियों को 4-5 माह का वेतन तक नहीं मिला।
- आर्थिक संकट का रोना रोने वाली सरकार ने 6 सीपीएस बनाकर प्रदेश के कोषागार पर आर्थिक बोझ डाला। अभी और सीपीएस बनाने की तैयारी है। इनका खर्च कौन उठाएगा।
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- सरकार ने अपने 6 माह के छोटे से कार्यकाल में 7000 करोड़ रुपए कर्ज लिया है। यदि इसी रफ्तार से कर्ज लिया जाता रहा तो राज्य की आर्थिक स्थिति और खराब हो जाएगी।
- व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सत्ता में आए लोगों ने प्रदेश को बदहाल किया और आज हिमाचल 1000 करोड़ रुपए के ओवरड्राफ्ट में है।
- 6 माह में विकास के सभी कार्य ठप्प पड़े हैं और विकास की रफ्तार शून्य है। सड़क से लेकर अस्पताल, स्कूल व पुल तक के सभी निर्माण कार्य अटके पड़े हैं।