Big decision on Himachal outsourced employees policy
हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट ने बुधवार को हुई बैठक में 27 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है।
हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम का नाम बदलकर कंपनी अधिनियम-2013 के प्रावधानों के तहत ‘हिमाचल प्रदेश कौशल विकास एवं रोजगार निगम कंपनी’ किया जाएगा। आउटसोर्स कर्मी इसी कंपनी में शिफ्ट किए जाएंगे।
Himachal’s daughter sitting on the hot seat of KBC wearing Himachali cap
इससे इन्हें समय पर वेतन, अन्य लाभ और निजी कंपनियों के शोषण से मुक्ति मिलेगी। नई भर्तियां भी यही कंपनी करेगी और उसमें रोस्टर भी लागू होगा।
कैबिनेट ने विभिन्न वर्ग के पेंशनभोगियों को 5 से 15 फीसदी तक पेंशन भत्ता देने को भी मंजूरी दी। कैबिनेट के सामने मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने आउटसोर्स कर्मियों के बारे में रिपोर्ट रखी, जिसे सैद्धांतिक मंजूरी दी गई।
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कैबिनेट ने फै सला लिया है कि यह कंपनी तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करेगी।
विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों, राज्य के शिक्षण संस्थानों, सांविधिक संस्थाओं, राज्य सरकार के स्वामित्व और नियंत्रण वाले अन्य उपक्रमों की अस्थायी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुशल, अर्द्धकुशल और अन्य कर्मचारियों की तैनाती सुनिश्चित करेगी।
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निजी कंपनियों के साथ इन कर्मियों का अनुबंध खत्म किया जाएगा। कैबिनेट ने पेंशनभोगियों, पारिवारिक पेंशनभोगियों और राज्य संवर्ग से संबंध रखने वाले अखिल भारतीय सेवा से संबंधित पारिवारिक पेंशनभोगियों को उनकी संशोधित मूल पेंशन और मूल पारिवारिक पेंशन पर क्रमवार 5, 10 और 15 प्रतिशत पेंशन भत्ता देने का निर्णय लिया है।
इससे 65 से 80 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 86,200 पेंशनभोगी और पारिवारिक पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की ओर से संचालित सभी विद्यालयों को स्टाफ सहित शिक्षा विभाग में हस्तांतरित करने की सैद्धांतिक मंजूरी भी कैबिनेट ने दी।