Thursday, October 17, 2024
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Himachal News – हिमाचल के 30,000 कर्मचारियों को बड़ा तोहफा

Big news for Himachal outsourced employees

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों (government departments of Himachal Pradesh) में कई सालों से सेवाएं दे रहे 30,000 आउटसोर्स कर्मियों (Outsourced employees) को सरकार जल्द ही राहत प्रदान करेगी। जल शक्ति मंत्री महेद्र सिंह ठाकुर (Jal Shakti Minister Mahendra Singh Thakur) की अध्यक्षता में शनिवार को आउटसोर्स कर्मचारियों (Outsourced employees) के लिए गठित कैबिनेट उप समिति (Cabinet Sub-Committee) की बैठक आयोजित की गई। इसमें आउटसोर्स पॉलिसी का ड्राफ्ट लगभग फाइनल कर दिया गया है।

इसमें आउटसोर्स कर्मचारियों (Outsourced employees) की नौकरी की गारंटी देने और सम्मानजनक मानदेय देने के दावे किए जा गए हैं। इस पॉलिसी (Policy) को कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए लाया जाएगा। नीति के लागू होने से आउटसोर्स कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग भी पूरी हो सकेगी। चुनावी वर्ष में सरकार इस पॉलिसी को विधानसभा के मानसून सत्र (Monsoon Session) से पहले लाना चाह रही है क्योंकि राज्य के विभिन्न विभागों में 30 हजार से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी सेवारत है। इसी के चलते सरकार इन कर्मचारियों को विधानसभा चुनाव (Himachal Vidhan Sabha Election) से पहले खुश करना चाह रही है।

आपको बता दें कि हिमाचल सरकार के विभिन्न विभागों में निजी कंपनियों के माध्यम से हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ये कर्मचारी लंबे समय से ठोस नीति बनाने की मांग कर रहे हैं, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। सरकार ने इसके बाद इस मसले को सुलझाने के लिए कैबिनेट उप समिति का गठन किया।

इस समिति की कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं और शनिवार को हुई बैठक में आउटसोर्स कर्मचारियों को राहत की उम्मीद दिखने लगी है। मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि उप समिति ने फैसला लिया है कि हिमाचल आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाई जाए। नीति बनाने की मामला आगामी कैबिनेट की बैठक में लाया जा रहा है।

वहीं जल शक्ति मंत्री (Jal Shakti Minister Mahendra Singh Thakur) की अध्यक्षता में फोरलेन प्रभावितों (Fourlane affected Himachal) के मुद्दे को लेकर गठित दूसरी सब कमेटी की बैठक भी सचिवालय में हुई। इसमें फोरलेन प्रभावितों को चार गुणा मुआवजा देने को लेकर चर्चा की गई, क्योंकि बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले फोरलेन प्रभावितों को फैक्टर टू लगाकर चार गुना मुआवजे का भरोसा दिया था, लेकिन साढ़े चार साल से सरकार इसे नहीं दे पाई है। इस पर भी अंतिम फैसला कैबिनेट बैठक में लिया जाएगा।

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