Wednesday, October 16, 2024
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हिमाचल के 25 हजार कर्मियों के लिए बड़ी खबर, विभागों से मंगाई गई डीटेल

There is great news for more than 25 thousand outsourced employees working in different departments in Himachal Pradesh. Actually, the long wait of these workers has now reached the verge of ending. According to the information coming out, the draft of making a permanent policy for these employees will be kept in the cabinet meeting to be held next month. Minister Mahendra Singh Thakur, chairman of the Cabinet Sub Committee constituted for outsourced employees, has issued orders to make available the details of the posts declared as dying cadre from the year 2000 to 31 March 2022 on the prescribed form within five days. This information has been sought from all administrative secretaries, heads of departments, boards, corporations, societies and trusts so that a policy can be made for outsourced employees.

हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग विभागों में कार्यरत 25 हजार से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। दरअसल, इन कर्मियों का लंबा इंतज़ार अब समाप्त होने की कगार पर पहुंच गया है। सामने आ रही जानकारी के अनुसार इन कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बनाने के मसौदे को अगले माह होने वाली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।

सरकार की तरफ से मांगा गया ब्योरा
Outsourced employees को लेकर गठित कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष Minister Mahendra Singh Thakur ने वर्ष 2000 से 31 मार्च 2022 तक डाइंग कैडर घोषित किए गए पदों का ब्योरा पांच दिनों के भीतर निर्धारित प्रपत्र पर उपलब्ध करवाने के आदेश जारी किए हैं। ये जानकारी सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड, निगमों, सोसाइटी व ट्रस्ट से मांगा गया है ताकि आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाई जा सके।

यहां जानें क्या डीटेल मांगी गई है
प्रपत्र में 2000 से 31 मार्च 2022 तक डाइंग कैडर घोषित पदों के नाम, स्वीकृत पदों की संख्या, वर्तमान में भरे हुए पद, समाप्त किए गए पदों की संख्या आदि का ब्योरा देना होगा। गौरतलब है कि बजट सत्र से पहले Chief Minister Jai Ram Thakur ने आश्वस्त किया था कि सरकार उपयुक्त नीति लेकर आएगी। जिसके तहत उप समिति का गठन किया गया था। 25,000 outsourced employees के लिए ठोस नीति बनाने के लिए जनवरी से प्रशासनिक गतिविधियां शुरू हुई हैं।

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