Thursday, December 19, 2024
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हिमाचल में अब फ्री नहीं मिलेगा BPL कार्ड, देने होंगे इतने रुपए

निशुल्क बनने वाले बीपीएल कार्ड के भी अब गरीब परिवारों को 50 से 60 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। सरकार ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है।

अधिसूचना जारी करने के बाद गरीब परिवारों में तनाव बढ़ गया है। निशुल्क मिलने वाले बीपीएल प्रमाणपत्र के लिए सरकार की ओर से जारी हुई अधिसूचना के बाद अब गरीबों को जेब ढीली करनी पड़ेगी।

महंगाई की मार झेल रहे गरीब परिवारों के लिए सरकार के इस नए जारी फरमान के बाद लोग और अधिक त्रस्त हो सकते हैं। उक्त अधिसूचना यूं तो 22 सितंबर 2023 की है, लेकिन लागू एक सप्ताह पूर्व ही की गई है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई वाली सरकार की ओर से पहले बिजली तथा पानी की सब्सिडी खत्म करने के बाद अब पंचायत में निशुल्क मिलने वाले बीपीएल प्रमाणपत्र के लिए भी पैसे निर्धारित करने से लोग खफा हैं।

प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया काफी जटिल

एक तरफ तो गरीब परिवारों पर बीपीएल प्रमाणपत्र के लिए फीस देने का फरमान जारी कर दिया। दूसरी तरफ इस प्रमाणपत्र को बनाने के लिए प्रक्रिया भी काफी जटिल बना दी है।

अब आवेदक पहले की तरह पंचायत से बीपीएल प्रमाणपत्र नहीं ले पाएगा। उसे बीपीएल प्रमाणपत्र बनवाने के लिए लोक मित्र केंद्र अथवा सरकारी सर्विस केंद्रों का रुख करना पड़ेगा।

वहां से आवेदन करने के बाद यह आवेदन संबंधित पंचायत के पंचायत सचिव के पोर्टल पर आएगा। उसे जांचने होने के बाद ही अब गरीबों को बीपीएल प्रमाणपत्र जारी हो पाएगा।

गौरतलब है कि इस फरमान से पहले पंचायत में बीपीएल सर्टिफिकेट निशुल्क जारी किया जाता था। लिहाजा पंचायत से अभी से ही धीमे स्वर में ही लेकिन विरोध के स्वर उठना शुरू हो गए हैं।

पंचायत सचिवों के सत्यापित करने से ही बन जाएगा कार्ड

पंचायत में बनने वाले बीपीएल प्रमाणपत्र को लेकर सरकार ने साफ्टवेयर में भी भारी तब्दीली की है। पहले बीपीएल प्रमाणपत्र पंचायत प्रधान व सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर के बाद जारी किया जाता था। बीपीएल प्रमाणपत्र की भी अपनी ही यूनिक पंजीकरण संख्या होती थी।

अब परिवार की यूनिक आईडी हटा दी गई है। ऐसे में परिवार नकल की पंजीकरण संख्या पर ही बीपीएल कार्ड जारी हो जाएगा। इसके साथ ही प्रधानों के सत्यापित करने के कालम को भी हटा दिया गया है। महज पंचायत सचिव के सत्यापन के बाद बीपीएल का प्रमाणपत्र जारी हो जाएगा।

अप्लाई करने वाला व्यक्ति भी होगा जिम्मेवार

पब्लिक डोमेन पर बीपीएल प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को डालने के बाद बीपीएल परिवार से संबंध रखने वाला व्यक्ति अपना बीपीएल प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए पंचायत को ई-डिस्ट्रिक या लोक मित्र केंद्र के माध्यम से आवेदन भेजेगा।

हालिया जारी अधिसूचना के मुताबिक यदि कोई बीपीएल परिवार में चयनित न होने के बाद भी अपना आवेदन करता है और गलती से पंचायत सचिव इस आवेदन को मंजूर भी कर लेता है तो इस भूल पर पंचायत सचिव की बजाय जिस व्यक्ति ने गलत तरीके से बीपीएल जारी करने के लिए आवेदन किया होगा, उसे ही दोषी ठहराया जाएगा।

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