चुनावी साल में हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार ने न्यूनतम बस किराया कम करने का फैसला लिया है। प्रदेश में न्यूनतम बस किराया अब पांच रुपये लिया जाएगा। सीएम जयराम ठाकुर ने धर्मशाला महाविद्यालय के सभागार में आयोजित ‘नारी को नमन’ कार्यक्रम के राज्यस्तरीय समारोह में इसकी घोषणा की। अभी प्रदेश में न्यूनतम बस किराया सात रुपये है। सीएम ने कहा कि काफी समय से लोगों की ओर से इसकी मांग की जा रही थी। नया किराया सभी निजी व एचआरटीसी बसों में जल्द लागू किया जाएगा।
एचआरटीसी बसों में महिलाओं को किराये में 50 फीसदी की छूट
इससे पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरुवार को ‘नारी को नमन’ कार्यक्रम के दौरान महिलाओं के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम(एचआरटीसी) की बसों में 50 फीसदी किराये की छूट का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बस स्टैंड से धर्मशाला कॉलेज के सभागार तक एचआरटीसी की नई बस में सफर किया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस के मौके पर एचआरटीसी बसों में महिलाओं से केवल 50 फीसदी किराया लेने की घोषणा की थी। यह फैसला अब एक जुलाई से लागू होने जा रहा है। इससे सरकार के खजाने पर 60 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
न्यूनतम बस किराये को लेकर मिली हैं शिकायतें
मौजूदा समय में न्यूनतम बस किराया सात रुपये होने के चलते सूबे में चल रही निजी और सरकारी बसों में कुछ कंडक्टर सवारियों से 10 रुपये लेकर 3 रुपये बकाया नहीं लौटा रहे। मुख्यमंत्री सेवा संकल्प 1100 पर भी लोग इसे लेकर मुख्यमंत्री को शिकायतें मिली हैं। ऐसे में अब जनता को राहत देकर सरकार ने न्यूनतम बस किराया पांच रुपये करने का फैसला लिया है, जो अधिसूचना जारी होने के साथ ही लागू हो जाएगा।
चार साल में सरकार ने दो बार बढ़ाया किराया
मौजूदा सरकार ने 4 साल के कार्यकाल में दो बार बस किराया बढ़ाया। सितंबर 2018 में सामान्य किराये में 20 से 25 फीसदी बढ़ोतरी कर न्यूनतम किराया 3 से 6 रुपये कर दिया था। हालांकि लोगों के विरोध के बाद अगले ही महीने अक्तूबर में न्यूनतम किराया 5 रुपये कर दिया गया। इसके बाद कोरोना काल में जुलाई 2020 में एक बार फिर बस किराये में 25 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई और न्यूनतम किराया 5 से बढ़ा कर 7 रुपये कर दिया गया था
प्रदेश में यह है प्रति किलोमीटर किराये की दरें
पहाड़ी क्षेत्र : 2.19 रुपये प्रति किलोमीटर
मैदानी क्षेत्र: 1.40 रुपये प्रति किलोमीटर