मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चौंतड़ा (Chief Minister Jai Ram Thakur) में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज वे हिसाब मांग रहे हैं, जिन्होंने 50 वर्ष सत्ता में रह कर प्रदेश को मात्र 50 वैंटीलेटर दिए और उनमें भी आधे खराब थे। कोरोना के इस कठिन काल में हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 500 वैंटीलेटर दिए और आज हमारे पास पूरे प्रदेश में 700 वैंटीलेटर हैं। हिसाब मांगेंगे तो हमें कोई कठिनाई नहीं होगी, लेकिन लोग तुमसे भी 50 वर्षों का हिसाब मांगेंगे। 50 वर्षों में एकमात्र ऑक्सीजन प्लांट आईजीएमसी में था और आज हमने 12 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए हैं तथा 5 और स्थापित किए जा रहे हैं। हिमाचल में आज तक 5 मुख्यमंत्री रहे। यह उन सबका सौभाग्य था कि उनको कोरोना जैसी महामारी से नहीं जूझना पड़ा और मुझे महामारी से दो-दो हाथ करने पड़े लेकिन हमने विकास को रुकने नहीं दिया।
मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों को संदेश देते हुए कहा कि आजकल के समय में पंचायत में बहुत पैसा आ रहा है। सांसद, विधायक और वित्ताायोग के पैसे का सदुपयोग हो और ऐसी छाप छोड़ी जाए कि लोग हमेशा याद करें कि प्रधान साहब ने यह विकास करवाया है। पहले हमारे पास प्रधान आते थे कि विकास के लिए पैसा दे दो लेकिन आज उनके पास हमसे ज्यादा पैसा आता है।
मैं तो बहुत पहले जोगिंद्रनगर आना चाहता था लेकिन कोरोना के कारण नहीं आ पाया। मैं आता तो भीड़ जमा होनी थी और मैं कोरोना को लेकर निमित नहीं बनना चाहता था। विपक्ष पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि कुछ कहते रहे कि जयराम कोरोना को बड़ा करके लाए लेकिन मैं हिमाचल की जनता को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने कहा कि सरकार जितना कर सकती थी, वह सब किया है। हमने हर कोशिश की कि कोई जानमाल का नुक्सान न हो।
चौंतड़ा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने परोक्ष रूप से उपचुनाव के लिए जनता से समर्थन जुटाने का भी प्रयास किया और अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव का शंखनाद कर दिया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व सांसद राम स्वरूप को याद करते हुए कहा कि इस बार की लीड पिछले 2 लीड से ज्यादा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद राम स्वरूप ने पूरे विश्व में छोटी काशी का नाम पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि हमने सहारा योजना आरंभ की है लेकिन पिछले दिनों द्रंग विधानसभा क्षेत्र में एक मां अपने बेटे की बीमार दशा को लेकर काफिला रोककर मिली थी, मुझे समझ नहीं आया कि ऐसी योजनाओं से पात्र क्यों वंचित रह जाते हैं। फील्ड में जाइए और पात्र लोगों को ढूंढिए और पुण्य कमाइए। पुण्य ही साथ जाएगा, इसलिए हर योजना पात्र लोगों तक पहुंचे, इसके लिए फील्ड में जुट जाओ।