Pathankot News : सिविल अस्पताल में फर्श पर जन्मी बच्ची का मामला बेशक थम गया है लेकिन गत रात्रि एक बार फिर एक परिवार द्वारा अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही बरतने के चलते गंभीर आरोप लगाते हुए स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु एस.एम.ओ. को लिखित रूप से शिकायत की गई जिसके चलते अस्पताल की कार्यशैली पर एक बार फिर प्रश्नचिन्ह लगा है।
आपको बता दे की अस्पताल स्टाफ पर लगे आरोपों के संबंध में जानकारी देते हुए Himachal Pradesh के गांव Fatehpur के रहने वाले निर्मल सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी के गर्भवती होने के चलते सिविल अस्पताल में डिलीवरी के लिए जांच करवा रहे थे और इसके चलते उन्हें पहले 18 तारीख जांच हेतु दी गई लेकिन उसके बाद उन्हें फिर 20 नवंबर को अस्पताल में लाने के लिए कहा।
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उन्होंने कहा कि गत दिवस वह सुबह 10 बजे ही अस्पताल में पहुंच गए और उसकी पत्नी मिनाक्षी को डिलीवरी हेतु लेबर रूम में ले गए और सांय तक संबंधित स्टाफ नॉर्मल डिलीवरी होने के बारे में जानकारी देता रहा लेकिन रात 1:30 बजे जब उन्होंने दोबारा पूछा तो स्टाफ ने उनकी पत्नी को रैफर करने के लिए बात कही।
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इस दौरान उन्हें पता चल चुका था कि उनकी पत्नी के पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो चुकी है और वह इस तथ्य को छूपाते रहे। रात 1:30 बजे के बाद जब उन्हें रैफर कर दिया गया तो गंभीर अवस्था में उन्होंने निजी अस्पताल में पत्नी का इलाज करवाया और जबकि उसका बच्चा पेट में ही खत्म हो चुका था। उन्होंने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जिला अस्पताल में ऐसी लापरवाही बार-बार हो रही है इसके लिए जिम्मेदार स्टाफ के खिलाफ उचित कदम उठाने चाहिए।
जाने क्या कहना है एस.एम.ओ. का
आरोपों के संबध में एस.एम.ओ. डा.सुनील चांद ने कहा कि पीड़ित व्यक्ति की ओर से अस्पताल प्रबंधन को लिखित रूप से शिकायत दी गई है जिसके चलते एक बोर्ड का गठन किया गया और जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसी हिसाब से बनती कार्रवाई की जाएगी।