हिमाचल प्रदेश में दक्षिण पश्चिम मानसून ने प्रवेश करते ही तबाही मचाई है। इस बार पिछले साल के मुकाबले देरी से पहुंचे मानसून की पहली ही बारिश से शिमला में कई जगह भारी नुकसान हुआ है। शहर के मल्याणा, चमियाना, भट्टाकुफर, मिनी कुफ्टाधार व शुराला सहित अन्य स्थानों पर भारी बारिश से बड़ी मात्रा में मलबा सड़क पर आ गया। सड़क किनारे पार्क कई गाड़ियां मलबे में दब गई हैं। कई जगह भूस्खलन से नुकसान हुआ है। शुराला में निर्माणाधीन फोरलेन के मलबे से गाड़ियों को नुकसान हुआ है।
भट्टाकुफर में पहाड़ी से गाड़ियों पर पत्थर गिर गए हैं। इससे सड़क किनारे पार्क एक गाड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। मिनी कुफ्ताधार का रास्ता मलबा आने से नाले में तब्दील हो गया। शहर की ईदगाह कॉलोनी में भी नुकसान हुआ है। डंगा गिरने से रास्ता बंद हो गया है। पगोग सड़क पर आए पत्थर और मलबा आने से आवाजाही प्रभावित रही। वहीं, जुन्गा रोड पर बारिश का पानी घरों में घुस गया। खलीनी में भी भूस्खलन हुआ है।
बीती रात को झमाझम बरसे बादल
गुरुवार रात को जुब्बड़हट्टी में 136.0, शिमला 84.0, गोहर 42.0, मशोबरा 38.0, सलापड़ 34.6, कुफरी 24.2, बिलासपुर 22.0, घागस 18.8, करसोग 18.2, काहू 16.0 और Pandoh में 12.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। देर रात हुई बारिश से गिरि में भी गाद आने से आपूर्ति घटी है। हालांकि ग्रामीण इलाकों में सूखे से बंद पड़ी पेयजल योजनाओं में फिर आपूर्ति शुरू होने से राहत मिली है।
कुनिहार-नालागढ़ मार्ग गुरुवार देर रात हुई भारी बारिश से बंद हो गया है। इसमें एक बार फिर से गंबर पुल के पास काफी मात्रा में मलबा आया है। वहीं पुल को भी खतरा हो गया है। तीन दिन पहले यहीं पर बादल फटने से काफी नुकसान हुआ था। फिलहाल लोक निर्माण विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। सड़क को खोलने का काम जारी है।
सात दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के कई भागों में आज से लगातार सात दिनों तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही अंधड़ चलने का अलर्ट है। विभाग के अनुसार अगले दो दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश के शेष भागों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं।
4 जुलाई तक बारिश का सिलसिल लगातार जारी रहने का पूर्वानुमान है। इस साल मानसून सामान्य रहने के आसार हैं। 29 और 30 जून को कुछ स्थानों में भारी से भी भारी बारिश हो सकती है। जिला प्रशासन ने नदी-नालों के समीप न जाने की दी हिदायत जारी की है। एचआरटीसी चालकों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
खड़ामुख होली मार्ग पर सुहागा नामक स्थान के समीप सुबह करीब सात बजे भूस्खलन हो गया। इसके चलते वाहनों की आवाजाही थम गई। इस दौरान एक ट्रक गुजर रहा था। गनीमत यह रही कि ज्यादा मलबा ना गिरा अन्यथा ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो सकता था। मामले की सूचना मिलते ही लोक निर्माण विभाग की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग को बहाल किया। इसके बाद वाहनों की आवाजाही करीब तीन घंटो बार शुरू हुई।
24 फीसदी सामान्य से अधिक बारिश हुई थी वर्ष 2023 में
वर्ष 2023 के दौरान मानसून सीजन ने कहर बरपाया था। प्रदेश के इतिहास में बीते वर्ष पहली बार सामान्य से 24 फीसदी अधिक बारिश होने से बाढ़ और बादल फटने की घटनाएं हुई। करीब 500 लोगों की मौत हुई थी। 15 हजार लोग बेघर हुए थे। इस दौरान प्रदेश में 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ था।