जिला न्यायालय की अधिवक्ता और महिला एवं बाल कल्याण सामाजिक कार्यकर्ता नीलम जरियाल (Neelam Jariyal) ने एक बेहद संवेदनशील और मानवीय मुद्दे को सरकार के ध्यान में लाया।
उन्होंने बताया कि शिशु के जन्म के दौरान एपिसिओटोमी प्रक्रिया के द्वारा माँ को कट लगाया जाता है ताकि शिशु आसानी से इस दुनिया में आ सके । परंतु देखा गया है कि कई हस्पताल व स्वास्थ्य कर्मी उस दौरान माँ को अनेसथीशिया दिये बगैर ही कट लगा देते है और शिशु जन्मोपरान्त टाँके भी लगा दिये जाते है जिससे कि माँ को असहनीय और अमानवीय पीडा़ का सामना करना पड़ता है ।
इस तरह बिना लोकल अनेसथीशिया देकर शिशु का जन्म करवाना अत्यन्त ही दुखद एवं अनैतिक है । नीलम ने हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग से यह आग्रह किया है कि नवजात शिशु के जन्म के दौरान एपिसिओटोमी और टांके लगाते समय लोकल अनेसथीशिया अति आवश्यक किया जाये और ऐसा ना करने वाले स्वास्थ्य कर्मियो पर उचित कार्यवाही सुनिश्चित की जाये ।