हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के 11,000 कर्मियों को अप्रैल माह के 9 दिन बीतने के बाद भी वेतन नहीं मिला है। निगम कर्मियों का कहना है कि वेतन न मिलने के कारण बच्चों की स्कूल फीस तक नहीं भर पा रहे हैं। एचआरटीसी चालक-परिचालक ऑपरेशनल स्टॉफ यूनियन ने निगम प्रबंधन को 7 दिन के भीतर वेतन जारी करने का अल्टीमेटम दिया है। ऐसा न होने की सूरत में वर्क टू रूल (दिन में 8 घंटे ही ड्यूटी) पर जाने की चेतावनी दी है।
HRTC यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि चालक परिचालक दिन-रात सेवाएं देकर निगम को अपने पसीने से सींच रहे हैं, लेकिन समय से वेतन नहीं मिल रहा। चालक परिचालकों का 42 महीने का रात्रि भत्ता और ओवर टाइम का भुगतान लंबित है। निगम कर्मियों को संशोधित वेतनमान का न तो एरियर मिला है न ही संशोधित वेतनमान की पहली किस्त जारी हुई है।
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HRTC चालक-परिचालक ऑपरेशनल स्टॉफ यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष प्रेम सिंह ठाकुर, महासचिव जगदीश चंद ठाकुर, अतिरिक्त महासचिव केशव राम वर्मा, वरिष्ठ उप प्रधान संगत सिंह चंदेल ने कहा है कि वेतन न मिलने से घर का गुजारा चलाना कठिन हो रहा है, जिससे निगम कर्मियों में रोष है। निगम प्रबंधन जल्द से जल्द वेतन और लंबित भत्ते जारी करे।
1250 करोड़ के घाटे में है HRTC
जानकारी यह भी जान लीजिए कि HRTC 4,600 चालक और 4,400 परिचालक सेवाएं दे रहे हैं। वर्तमान में हिमाचल पथ परिवहन निगम करीब 1250 करोड़ से अधिक के घाटे में है। बीते कई महीनों से चालक-परिचालकों को समय पर मासिक वेतन नहीं मिल रहा। उप मुख्यमंत्री जिनके पास परिवहन विभाग का भी जिम्मा है, उनके आश्वासन के बावजूद निगम के चालक-परिचालक वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं।
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7 दिन में वेतन नहीं तो वर्क टू रूल : मेहर चंद
निगम के 11,000 कर्मचारियों को निगम प्रबंधन ने वित्तीय लाभों से वंचित रखा है। प्रबंधन से बार-बार समय से वेतन जारी करने और लंबित वित्तीय लाभ जारी करने का मामला उठाया जाता रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अगर 7 दिन के भीतर कर्मियों को वेतन जारी नहीं हुआ तो वर्क टू रूल का फैसला लेना पड़ सकता है। – मेहर चंद कश्यप, अध्यक्ष एचआरटीसी चालक-परिचालक ऑपरेशनल स्टॉफ यूनियन