हम आपके लिए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला से एक महत्वपूर्ण खबर लेकर आए हैं जिसमें बात करेंगे कि कांगड़ा जिले की स्मार्ट सिटी धर्मशाला में बढ़ती ट्रैफिक की समस्या से सीनियर सिटिज़न और बच्चों को सहूलियत देने का प्रयास किया गया।
जानकारी यह भी है कि इस उद्देश्य से DC कार्यालय के बाहर 55.78 लाख रुपए से फुटब्रिज का निर्माण किया, लेकिन इसका इस्तेमाल कभी भी किसी ने नहीं किया। धर्मशाला शहर में जनता के पैसे के मिसयूज और फिजूलखर्ची का सबसे बड़ा उदाहरण है।
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हम आपको यह भी जानकारी दे दे कि इस फुटब्रिज पर MP लैंड फंड से 45 लाख रुपए और 10.83 लाख रूपए स्मार्ट सिटी योजना के तहत खर्च किए गए। स्टील का बना फुटब्रिज लगभग 3 साल पहले पूरा हो गया था, लेकिन सबसे मजाकिया वाकया यह हुआ कि इस पुल का एक छोर PWD के आवासीय परिसर के भीतर बनाया गया है, जो दीवार से बंद है। इसका मतलब यह है कि लोग इस फुट ब्रिज का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इस पर सांसद किशन कपूर और केंद्रीय टीम ऑब्जेक्शन लगा चुकी है, जिस पर अधिकारियों का जवाब है- नो कमेंट्स।
सरकारी फंड किए गए डाइवर्ट
यह जानकारी भी आपके लिए जानना महत्वपूर्ण है कि जिला योजना अधिकारी कांगड़ा (District Planning Officer, Kangra) ने 26 जुलाई 2018 को 23.91 लाख रुपए की सांसद निधि, जो फुटब्रिज सिद्बाड़ी (footbridge Sidbari) के नाम पर स्वीकृत हुई थी, को डाइवर्ट करके फुटब्रिज कचहरी अड्डा चौक के लिए जारी कर दिया। PWD डिवीज़न धर्मशाला (PWD Division Dharamshala) ने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास फंड से प्राप्त 45 लाख रुपए अनुदान से फुटब्रिज का निर्माण किया।
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धर्मशाला नगर निगम और स्मार्ट सिटी धर्मशाला (Dharamshala Municipal Corporation and Smart City ) के अधिकारियों द्वारा इस फुटब्रिज (footbridge) के निर्माण पर आपत्ति जताने के बावजूद फंड निर्माण के लिए खर्च किया गया था।
फुटब्रिज का स्थान ही सही नहीं : दविंदर जग्गी
धर्मशाला के पूर्व मेयर दविंदर जग्गी ने कहा कि निगम ने स्टील फुटब्रिज के निर्माण पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि इसकी कोई आवश्यकता नहीं थी। सड़क के जिस छोर पर फुटब्रिज बनाया गया, वह स्थान ही सही नहीं है।
इसके अलावा फुटब्रिज का डिजाइन ऐसा था कि सीनियर सिटीजन और बच्चे इसका उपयोग नहीं कर सकते, क्योंकि यह सीधी बनाई गई है। इसके अतिरिक्त जहां इसका निर्माण किया गया है, वहां स्मार्ट रोड का निर्माण प्रस्तावित है। फुटब्रिज का कभी भी उपयोग नहीं किया गया, क्योंकि इसका एक सिरा चारदीवारी के भीतर है, जिस तक पैदल यात्री नहीं जा सकते।
अमृत महोत्सव फंड से हुआ पेंट
नगर निगम धर्मशाला (Municipal Corporation Dharamshala) ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाते समय फुटब्रिज को अमृत महोत्सव फंड से पेंट करवाया, क्योंकि यह लोहे का ढांचा देखने में भद्दा लगता था। धर्मशाला (Dharamsala) के रहने वाले संजीव महाजन ने कहा कि जिस तरह से फुटब्रिज का निर्माण किया गया है, वह दिखाता है कि अधिकारियों ने जनता के पैसे का कितना मिसयूज किया है।
2 फुटब्रिज का होना था निर्माण
धर्मशाला (Dharamshala) में 2 फुट ब्रिज बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। एक धर्मशाला मिनी सचिवालय (Dharamshala Mini Secretariat) के बाहर और दूसरा सेक्रेड हार्ट स्कूल फतेहपुर (Sacred Heart School Fatehpur) के बाहर। फुटब्रिज (footbridge) के लिए स्थानीय सांसद किशन कपूर (local MP Kishan Kapoor) ने 45 लाख रुपए की ग्रांट दी, लेकिन एक पुल के निर्माण में ही अनुदान का उपयोग किया गया, दूसरे का निर्माण कभी हुआ ही नहीं।
केंद्रीय अधिकारियों ने भी जताई थी नाराजगी
एमपीलैड कार्यों के निरीक्षण के लिए आने वाले केंद्रीय अधिकारियों ने फुटब्रिज के निर्माण में जनता के पैसे की बर्बादी पर भी नाराजगी जताई थी, लेकिन उसके बाद भी अभी तक इस पर निर्णय नहीं लिया गया।
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