हिमाचल प्रदेश में रिटायर और सेवारत कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है. सरकार (Sukhu Govt) की तरफ से इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. ऐसे में अब अनुबंध अवधि (Contract Jobs) के कारण जिन कर्मचारियों की नियमित दस साल की सेवा पूरी नहीं होने की वजह से ओल्ड पेंशन योजना (Old Pension Yojna) का लाभ नहीं मिला था, उन्हें भी अब पेंशन मिलेगी. सुप्रीट कोर्ट से फैसला आने के बाद अब हिमाचल सरकार ने यह आदेश जारी किए हैं
दरअसल, एक रिटायर महिला कर्मी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाया था. अब आदेश के बाद राज्य सरकार ने इस बारे में ऑफिस मेमोरेंडम जारी कर दिया है.
वित्त विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार की ओर से यह मेमोरेंडम जारी किया गया है. सुप्रीम कोर्ट से आयुर्वेद विभाग की शीला देवी केस में एक जजमेंट आई थी. अब ऐसे कर्मचारी या पेंशनरों को ओल्ड पेंशन मिलेगी, जिनका का सेवाकाल 10 साल से अधिक है. लेकिन शुरुआत में उन्होंने कॉन्ट्रेक्ट बेस पर नौकरी की थी और इस पीरियड को रेगुलर सर्विस में काउंट नहीं किया गया था. यानी साफ शब्दों में कहे तो अगर आपने दस साल से ऊपर नौकरी (कॉन्ट्रैक्ट और रेगुलर) की है तो आप पेंशन के हकदार होंगे.हिमाचल प्रदेश में नए आदेशों के तहत आने वाली सभी कर्मचारियों को अपने विभागाध्यक्ष के जरिये 30 दिन में विकल्प देना होगा.
हिमाचल प्रदेश में 2003 के बाद से ओल्ड पेंशन बंद हो गई थी. लेकिन 2022 में सुक्खू सरकार ने सत्ता में आने के बाद इसे लागू करने का ऐलान किया था. साल 2023 में यह योजना लागू हुई थी और हिमाचल प्रदेश में करीब 1 लाख 30 हजार रिटायर कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा. सुक्खू सरकार ने इसे अपनी चुनावी गारंटी में शामिल किया था.