हिमाचल प्रदेश राज्य में विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों (Schools, Colleges) और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुख अपने बच्चों को छुट्टियों (Himachal children schools colleges vacations) के बाद, खुलने से पहले या सार्वजनिक छुट्टियों (public holidays) पर भी खेल के मैदानों में खेल खेलने से नहीं रोक सकते।
शिक्षण संस्थानों को सख्त आदेश हुए हैं कि किसी भी सूरत में छात्रों को इसके लिए मनाही न की जाए। अन्यथा इसे सरकार के आदेशों की अवहेलना मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।
राज्य के शिक्षा सचिव की ओर से उच्च एवं प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों सहित जिला उपायुक्तों और शिक्षा उपनिदेशकों को भी इस संदर्भ में आदेश जारी हो गए हैं।
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जानकारी के मुताबिक शिक्षा विभाग एवं सचिव स्तर पर लंबे समय से ऐसी शिकायतें मिल रही थी कि कई जगह निजी और सरकारी शिक्षण संस्थानों में भी बच्चों को छुट्टी के बाद परिसर में खेलने की अनुमति नहीं मिलती है। बच्चों का ध्यान सकारात्मक गतिविधियों में लगाने के लिए खेल जरूरी हैं।
बच्चों का माइंडसेट डायवर्ट करना जरूरी: जैन
शिक्षा सचिव अभिषेक जैन ने कहा कि छात्र जीवन से किशोरावस्था में प्रवेश करने वाले बच्चों की मानसिकता को बेड हैबिट से सकारात्मक आदत में बदलने की जरूरत है। इसमें बच्चों के माता-पिता के अलावा शिक्षण संस्थान भी अहम भूमिका निभाते हैं।
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इसी कारण से, स्कूलों और विश्वविद्यालयों में ऐसे आदेश जारी किए गए ताकि शैक्षणिक माहौल में खेल गतिविधियों में बाधा न आए। जैन ने कहा कि अगर ऐसे मामले उजागर हुए तो इसमें शामिल लोगों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। स्कूलों और विश्वविद्यालयों के अलावा व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों और तकनीकी संस्थानों के लिए भी इसी तरह के आदेश जारी किए गए।