हिमाचल प्रदेश में कुछ श्रेणियों को छोडक़र सभी बिजली उपभोक्ताओं को अब सबसिडी पर बिजली नहीं मिलेगी। सभी लोगों को शून्य से 125 यूनिट बिजली के प्रति यूनिट पांच रुपए 60 पैसे चुकता करने होंगे। अभी तक सरकार ने 125 यूनिट तक बिजली फ्री रखी थी मगर भविष्य में ऐसा नहीं होगा। अगले महीने लोगों को जो बिजली बिल आएगा वो उनको बिजली का झटका जरूर देगा।
सुक्खू सरकार ने कैबिनेट में जो निर्णय लिया है हालांकि उस पर अभी अधिसूचना जारी होगी और उससे स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, परंतु सूत्रों की मानें तो जो प्रोपोजल कैबिनेट ने मंजूर किया है उसके अनुसार प्रदेश में लगभग 18 से 20 लाख उपभोक्ताओं पर मार पडऩे वाली है। उनको सरकार द्वारा दी जा रही सबसिडी अब नहीं मिल पाएगी। सरकार ने बिजली की सबसिडी को एक मीटर तक सीमित कर दिया है। यानी जिस व्यक्ति के नाम पर चाहे कितने भी मीटर लगे हों उसे केवल एक ही मीटर पर 125 यूनिट तक फ्री बिजली या सबसिडी मिलेगी , जिसके अलावा सभी मीटरों पर नियामक आयोग द्वारा तय किया गया टैरिफ देना होगा।
एक को छोडक़र बाकी मीटरों का देना होगा बिल
भविष्य में बीपीएल, आईआरडीपी व अंत्योदय के उपभोक्ताओं को छोड़ दें, तो अन्य सभी उपभोक्ताओं को एक मीटर के अलावा अन्य बिजली मीटरों पर 0 से 125 यूनिट तक पांच रुपए 60 पैसे प्रति यूनिट बिजली का बिल चुकाना होगा, तो वहीं 126 यूनिट से 300 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने पर छह रुपए प्रति यूनिट की दर से बिल देना होगा। इसके बाद 300 यूनिट से ऊपर छह रुपए 25 पैसे प्रति यूनिट बिल लगेगा।
1500 करोड़ का लाभ
प्रदेश सरकार के इस फैसले से बिजली बोर्ड को सीधे रूप से नहीं बल्कि सरकार को सीधा फायदा होगा। बोर्ड को साल के अंत में सबसिडी के रूप में जो पैसा सरकार दे रही थी वो उसे नहीं देना पड़ेगा। सरकार को इस फैसले से करीब 1500 करोड़ रुपए से ऊपर का लाभ होगा। अभी मीटरों का सर्वे करने के बाद साफ हो पाएगा कि सरकार को सबसिडी का कितना पैसा बचता है।
पहले 125 यूनिट तक थी फ्री
वर्तमान में घरेलू उपभोक्ता 0 से 125 यूनिट तक कोई पैसा नहीं दे रहे थे जिनको बिजली मुफ्त की गई थी। 126 यूनिट से 300 यूनिट तक चार रुपए 17 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिल आ रहा था और 300 यूनिट से ऊपर 5 रुपए 22 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दर निर्धारित थी।
सरकार का बोझ कम करेगा नया फैसला
सरकार द्वारा जो सबसिडी अभी तक सभी मीटरों पर दी जा रही थी, उसके अनुसार 125 यूनिट तक फ्री बिजली का पांच रुपए 60 पैसे सरकार सबसिडी के रूप में बोझ उठा रही थी। 126 यूनिट से 300 यूनिट तक सरकार एक रुपए 83 पैसे प्रति यूनिट सबसिडी दे रही थी, तो वहीं 300 यूनिट से ऊपर एक रुपए 30 पैसे प्रति यूनिट की सबसिडी का बोझ सरकार पर पड़ रहा था। अब सरकार केवल एक मीटर का बोझ ही सहन करेगी और शेष पर जनता को बोझ उठाना पड़ेगा।
उद्योग सबसिडी से बाहर
कुछ श्रेणियों को सबसिडी में पूरी तरह से बाहर रखा है। इसमें मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों के साथ प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को भी शामिल किया है। वहीं अहम बात है कि उद्योगों को भी अब सबसिडी का लाभ नहीं मिलेगा, वे भी सबसिडी से बाहर हो जाएंगे। उद्योगों की कुछ कैटेगरी को सबसिडी मिल रही थी, जिनको बाहर किया जाएगा।