Himachal Pradesh schools and colleges
हिमाचल प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों में पढ़ने वाले मेधावियों को लैपटॉप की जगह अब स्मार्ट मोबाइल फोन देने की तैयारी है। योजना विभाग से अतिरिक्त बजट न मिलने पर शिक्षा विभाग ने कैबिनेट के लिए यह प्रस्ताव बनाया है।
वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 के बीस हजार मेधावियों को लैपटॉप दिए जाने हैं। दो शैक्षणिक सत्रों के लिए 50 करोड़ के बजट से लैपटॉप की खरीद मुमकिन नहीं है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 के मेधावियों को पहले ही सरकार स्मार्ट मोबाइल फोन देने की घोषणा कर चुकी है। अब नए प्रस्ताव में सभी मेधावियों को फोन देने की योजना है।
स्कूलों और कॉलेजों के बीस हजार मेधावियों को चार साल का कार्यकाल पूरा करने वाली सरकार अभी तक लैपटॉप नहीं दे सकी है। शैक्षणिक सत्र 2018-19 और 2019-20 के विद्यार्थी आज भी लैपटॉप का इंतजार कर रहे हैं। पहले दो विभागों की लड़ाई से खरीद में देरी हुई। अब योजना और वित्त महकमे ने अतिरिक्त बजट देने से इंकार कर दिया है।
योजना विभाग ने उपलब्ध बजट से स्मार्ट मोबाइल फोन खरीदने का शिक्षा विभाग को विकल्प दिया है। अब शिक्षा विभाग नया प्रस्ताव बनाकर मंत्रिमंडल की बैठक में लाएगा।
शैक्षणिक सत्र 2020-21 के मेधावियों के लिए स्मार्ट मोबाइल फोन की खरीद प्रक्रिया उच्च शिक्षा निदेशालय ने शुरू कर दी है। मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने पर शिक्षा विभाग सभी मेधावियों के लिए स्मार्ट मोबाइल फोन की खरीद करेगा।
धूमल सरकार की योजना को आगे नहीं बढ़ा सके जयराम (Jairam could not carry forward the plan of Prem Kumar Dhmal government)
धूमल सरकार के समय प्रदेश में लैपटॉप वितरण योजना शुरू हुई थी। सत्ता में आने के बाद से जयराम सरकार इस योजना को आगे नहीं बढ़ा सकी।
लैपटॉप खरीद का मामला जयराम सरकार के सत्ता में आने के बाद से विवाद में चल रहा है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 से इस योजना को बंद कर स्मार्ट मोबाइल फोन देने का फैसला लिया गया है। पुराने मेधावियों के लिए भी बजट का पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के चलते इन्हें भी लैपटॉप की जगह मोबाइल फोन देने का प्रस्ताव है।