Himachal pre primary teachers Recruitment
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 4,000 प्री प्राइमरी शिक्षकों (4,000 pre-primary teachers recruitment government schools of Himachal) की भर्ती और यूजीसी पे स्केल पर कैबिनेट बैठक में फैसला होगा। 23 जुलाई को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur) की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में बैठक होगी। हिमाचल शिक्षा विभाग ने इस बाबत प्रस्ताव तैयार कर लिए हैं।
हिमाचल प्रदेश के कॉलेज और विश्वविद्यालयों (colleges and universities of Himachal Pradesh) के करीब 4700 शिक्षकों को हरियाणा की तर्ज पर यूजीसी पे स्केल दिया जाएगा। एक वर्ष का एनटीटी डिप्लोमा (NTT diploma holder) करने वाले शिक्षक बन सकेंगे। शिक्षक भर्ती में आंगनबाड़ी वर्करों (Anganwadi workers) को भी प्राथमिकता मिलेगी। बीते कई माह से शिक्षा विभाग के दोनों प्रस्ताव लटके हैं।
शिक्षकों को यूजीसी पे स्केल देने के लिए शिक्षा विभाग ने विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर वित्त महकमे को भेजा है। पे स्केल देने के लिए करीब 450 करोड़ का सरकार पर वित्तीय भार पड़ेगा। वर्ष 2016 से शिक्षकों को इसका एरियर भी मिलेगा। केंद्र सरकार की ओर से 39 माह के लिए यूजीसी पे स्केल की आधी राशि प्रदेश सरकार को दी जाएगी। बीते दिनों हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने इस मामले को जल्द हल करने के विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए थे।
उधर, एक वर्ष का नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) का डिप्लोमा (Nursery Teacher Training (NTT) diploma) करने वाले प्री प्राइमरी शिक्षक बन सकेंगे। नर्सरी-केजी कक्षा के बच्चों को पढ़ाने के लिए 4,000 शिक्षकों की भर्ती की जानी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता मिलेगी। बीते कई माह से प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती का मामला फाइलों में ही घूम रहा है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (NTT) से मान्यता प्राप्त एनटीटी संस्थानों से डिप्लोमा करने वाले ही भर्ती में शामिल होंगे।
प्री प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के 70 फीसदी पद एनटीटी, अर्ली चाइल्ड हुड केयर कोर्स करने वालों और 30 फीसदी पद आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं से भरने का प्रस्ताव है। एनसीटीई के नियमों के तहत भर्ती की जानी है। शिक्षा विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव में दस विद्यार्थियों से अधिक संख्या वाले स्कूलों में शिक्षक भर्ती करने और शिक्षकों के लिए आयु सीमा 18 से 45 वर्ष तय करने की सिफारिश की गई है।