बड़ी खबर आपको बता दे की Himachal Government के नए Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu ने बेशक Jairam government के पिछले 8 महीने के फैसले रिव्यू करने का निर्णय लिया हो, लेकिन Jairam government की वेलफेयर योजनाएं फिर भी चलती रहेंगी।
स्वास्थ्य विभाग में चल रही Himcare and Sahara जैसी Schemes को बंद नहीं किया जाएगा। इस बारे में नए मुख्यमंत्री ने निर्देश दे दिए हैं। पिछले साल के बजट में घोषित सिर्फ उन योजनाओं को रिव्यू के दायरे में लिया जाएगा, जिनको अप्रैल के बाद लागू किया गया है। जो घोषणाएं लागू नहीं की जा सकी थी, वे खत्म समझी जाएंगी।
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नए मुख्यमंत्री hydro, solar और tourism projects के मामले में ओपन पॉलिसी चाहते हैं, यानी इस सेक्टर में निवेश करने के इच्छुक व्यक्ति को सिर्फ Himachalis को 80 फ़ीसदी रोजगार की शर्त को पूरा करना है। बाकी सभी तरह की क्लीयरेंस इस पॉलिसी के तहत डीसी खुद लेंगे।
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वर्तमान में hydro power sector अच्छा काम नहीं कर रहा है और पूर्व जयराम सरकार द्वारा उठाए गए कुछ कदमों का भी रिजल्ट नहीं मिला है। ऐसे में यदि ओपन पॉलिसी का कोई लाभ होता है, तो यह विद्युत उत्पादन के क्षेत्र के लिए बड़ी मदद होगी। दरअसल सुखविंदर सिंह सुक्खू क्लीन एनर्जी और क्लीन एनवायरमेंट का लक्ष्य लेकर चले हैं।
यही वजह है कि वह इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए पॉलिसी को और रोचक बनाने जा रहे हैं। राज्य में अगले तीन साल के भीतर सभी तरह की सरकारी गाडिय़ां इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य रखा गया है। हाइड्रो और सोलर भी क्लीन एनर्जी का एक बहुत बड़ा माध्यम है।
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सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट के तहत ली जाने वाली मंजूरीयों का समय कम किया जाए। साथ ही विभागों द्वारा किए जाने वाले टेंडर का टाइम भी कम करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि काम की गति को तेज करने के लिए इन सभी तरह की मंजूरीयों में लगने वाले समय को कम करना होगा।
सोलर फेंसिंग स्कीम बदल सकती है सरकार (Government may change solar fencing scheme)
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिल्ली जाने से पहले कृषि और बागवानी विभागों के साथ बैठक बुलाई थी। इसमें उन्होंने अफसरों से सोलर फेंसिंग की योजनाओं को लेकर सवाल पूछे। साथ ही अपने घर में लगाई गई सोलर फेंसिंग के अनुभव को भी साझा किया।
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सीएम ने कहा कि वर्तमान में लगाई जा रही सोलर फेंसिंग सिर्फ कांट्रैक्टर को फायदा देने के लिए लगती है, इसलिए इस स्कीम पर पुनर्विचार किया जाए और राज्य सरकार के अगले बजट के लिए इसका विकल्प बताया जाए।
गौरतलब है कि कृषि और बागवानी विभागों में सोलर फेंसिंग के लिए राज्य सरकार सबसडी दे रही है। बागवानी विभाग में एचपी शिवा प्रोजेक्ट के तहत क्लस्टर के लिए फेंसिंग है, जबकि कृषि विभाग व्यक्तिगत फेंसिंग की योजना चला रहा है।