हिमाचल प्रदेश में 1 अप्रैल से प्रदेश की 18 से 59 साल तक की पात्र महिलाओं को 1500-1500 रुपये मिलेंगे. सुक्खू सरकार ने बीते कल हुई कैबिनेट मीटिंग में इस योजना को मंजूरी दे दी है. सरकार ने अब एक परफार्मा भी जारी किया है, जिसे महिलाओं को भरकर भेजना होगा. तहसील कल्याण अधिकारी के दफ्तर में ये फार्म जमा होंगे. फिर वहां से इनका सत्यापन होगा.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को 1500-1500 रुपये देने की गारंटी दी थी. सरकार के कार्यकाल के 15 माह बीतने के बाद अब इंदिरा गांधी प्यारी बहना योजना को लागू किया जा रहा है. इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेश की महिलाओं को फार्म जरिये आवेदन करना होगा. सरकार ने पर्मफार्मा जारी किया है, इसमें महिलाओं को अपने परिवार की जानकारी देनी होगी. महिलाओं को बताना होगा कि वह किस वर्ग में आती हैं, उनकी जाति क्या है और उनके परिवार का कौन-कौन सदस्य सरकारी नौकरी, बोर्ड, निगम, आउसोर्स या अन्य नौकरी पर है. इसके अलावा, आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैक खाता नंबर और आईएफसी कोड भी देना होगा.
योजना का लाभ लेने के लिए आयु प्रमाण पत्र, हिमाचली बोनोफाइड सर्टिफिकेट भी जमा करवाना होगा. वहीं, बोद्ध भिक्षुओं के लिए मठ की तरफ से सत्यापन किया जा सकता है. वहीं, अन्य महिलाओं को तहसील कल्याण अधिकारी के पास आवेदन करना होगा. फिर वहीं, से सत्यापन किया जाएगा.
अहम बात यह है कि महिला के परिवार का को कोई भी शख्य यदि केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी है तो उसे लाभ नहीं मिलेगा. इसके अलावा, पेंशनर, अनुबंध, आउटसोर्स, दैनिक वेतनभोगी, अंशकालिक वर्ग के कर्मचारी होने पर महिलाओं को 1500 रुपये नहीं मिलेंगे. वहीं, भूतपूर्व सैनिक और सैनिक विधवा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका, आशा वर्कर, मिड-डे मील, मल्टी टास्क वर्कर, पेंशनभोगी, पंचायती राज, शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारी भी योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे. उधर, टैक्स देने वाले परिवारों की महिलाओं को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
कितना खर्च आएगा यह भी जान लें
इस योजना को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार को सालाना 800 करोड़ रुपये से अधिक का भार पड़ेगा. अहम बात है कि लाहौल स्पीति की सभी महिलाओं को 1500 रुपये दिए जाएंगे. 25 फरवरी को यह योजना लाहौल स्पीति में लागू हो चुकी है. अब 1 अप्रैल से पूरे प्रदेश में लागू होने जा रही है. बता दें कि इस योजना का लाभ प्रदेश की पांच लाख महिलाओं को मिलेगा. प्रदेश में कुल 30 लाख के करीब महिलाएं हैं.