HRTC Khatara bus में यात्रा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपको रात भर कहीं रुकना पड़ सकता है। ऐसे में आपको खाने-पीने के साथ रहने की व्यवस्था करने की जरूरत पड़ सकती है।
क्षेत्र में एचआरटीसी बसों (HRTC buses) का उपयोग करने वाले यात्रियों को भी हाल ही में इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा। ऐसी ही एक घटना बीते शुक्रवार शाम को सामने आई थी.
कांगड़ा से भंजराड़ू रूट (Kangra to Bhanjradu route) पर जा रही थी HRTC बस
टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा से भंजराड़ू रूट पर जा रही बस (Tanda Medical College Kangra to Bhanjradu route) में देखने को मिला। बस में 30 सवारियां थीं। पहले तो यह बस कांगड़ा के शाहपुर (Shahpur Kangra) में खराब हो गई। इसके बाद सवारियों को दूसरी बस में बनीखेत (Banikhet) तक भेजा गया।
बनीखेत से शाम को 7:30 बजे सवारियों को अन्य बस में भेजा गया, लेकिन यह भी भी रात 10:30 बजे बड़ोह नामक स्थान पर हांफ गई। बस स्टार्ट न होने के कारण इसमें सवार यात्रियों को कड़ाके की ठंड के बीच बड़ोह में आसपास के लोगों के घरों में शरण लेनी पड़ी।
सवारियों में अंकुर, दलीप कुमार, मनोहर लाल, रविंद्र कुमार, किशन चंद, दलीप कुमार, प्रमोद कुमार, हरिया राम और राकेश कुमार ने बताया कि वे टांडा मेडिकल कॉलेज से मरीजों को लेकर चुराह जा रहे थे। टांडा से भंजराडू (Tanda for Bhanjradu) के लिए दोपहर 2:00 बजे बस रवाना हुई।
शाहपुर पहुंचने पर HRTC बस खराब
शाहपुर पहुंचने पर बस खराब हो गई। यहां से दूसरी बस में सवारियों को बनीखेत (Banikhet) तक रवाना किया गया। शाम को बनीखेत पहुंचे तो यहां से उन्हें तीसरी बस में भंजराडू के लिए भेजा गया, लेकिन यह बस भी बड़ोह के पास खराब हो गई। बस तीन बार खराब होने से सवारियों को परेशानियां झेलनी पड़ीं। कहा कि निगम की बसों का बार-बार खराब होने का क्रम लोगों की चिंता का वजह बनता जा रहा है।
उधर, एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक शुगल सिंह (HRTC Regional Manager Shugal Singh) ने बताया कि बड़ोह में बस के खराब होने की सूचना मिलने पर सवारियों के लिए अन्य बस भेजकर उन्हें निर्धारित रूट तक भेजा गया।