Friday, December 20, 2024
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बड़ी खबर : बंद होने वाले हैं HRTC बसों के कई रूट : जानकारी के लिए क्लिक करें

हिमाचल में अब बिना सवारियों के घूम रही HRTC बसों के रूटों (Reduce the routes of HRTC) को निगम प्रबंधन घटाएगा। इससे निगम को प्रतिदिन लाखों रुपए की बचत होगी और दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे घाटे से उबरने में मदद मिलेगी। HRTC को बिना सवारी के घूम रही बसें महंगी पड़ रही हैं। हर वर्ष HRTC को बसों की डैड माइलेज के कारण करोड़ों रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है।

हाल ही में एचआरटीसी प्रबंधन (HRTC Management) की ओर से शिमला के तारादेवी, लोकल और शिमला ग्रामीण डिपो (Taradevi, Local and Shimla Rural depots of Shimla) में 260 किलोमीटर की डैड माइलेज को समाप्त किया गया है। इससे एचआरटीसी को हर वर्ष करीब 20 से 22 लाख रुपए की बचत होगी। इन 3 डिपो के बाद अब एचआरटीसी प्रबंधन और सरकार पूरे प्रदेश में डैड माइलेज को समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि हर वर्ष हो रहे करोड़ों रुपए के घाटे को कम किया जा सके।

निगम प्रबंधन के अनुसार एचआरटीसी माइलेज व अर्निंग दोनों को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसमें HRTC को काफी हद तक सहयोग मिला है। HRTC ने प्रति किलोमीटर अर्निंग को 38 से 42 रुपए किया है जबकि लक्ष्य 45 प्रतिशत अर्निंग का है। इसके अलावा माइलेज भी एचआरटीसी की बढ़ी है। इससे पहले जहां 3.45 किलोमीटर की एवरेज एचआरटीसी बसों की है तो अब इसे 3.60 कर दिया गया है।

डैड माइलेज कम करने पर किया जा रहा काम : मुकेश अग्निहोत्री

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Deputy Chief Minister Mukesh Agnihotri) ने बताया कि प्रदेशभर में डैड माइलेज कम करने पर काम किया जाएगा। किसी रूट पर जा रही बस अंतिम सवारी को छोड़कर जब आती है तो उसके बाद ड्राइवर-कंडक्टरों के रहने के स्थान पर बिना सवारी के जा रही है। कई जगह यह स्थान काफी दूर-दूर हैं। इसके अलावा कई जगहों पर ड्राइवर-कंडक्टरों को डीजल भरवाने के लिए दूर-दूर तक जाना पड़ रहा है। इन बिना सवारी के चक्करों के कारण HRTC को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए का नुक्सान उठाना पड़ रहा है।

निगम डैड माइलेज को कम करने के लिए प्रयास कर रहा है। इसके लिए पंचायत प्रधानों से भी बात की जाएगी कि जहां तक बस जाती है वहीं पर ड्राइवर-कंडक्टरों के रहने की व्यवस्था की जाए ताकि एचआरटीसी के ड्राइवर-कंडक्टरों को रहने के लिए इधर-उधर न जाना पड़े।

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