हिमाचल में परिवहन विभाग अब से बिना हेलमेट बच्चों को स्कूल ले जाने सहित दोपहिया वाहनों पर अन्य स्थानों की यात्रा करने वाले चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। विभाग के एक सर्वे में पाया गया है कि राजधानी शिमला सहित प्रदेशभर में वाहन चालक यानी माता या पिता स्वयं तो दोपहिया वाहन पर हैल्मेट पहन रहे हैं लेकिन बच्चों को बिना हैल्मेट के सफर करवा रहे हैं, ऐसे में अब बच्चे को बिना हैल्मेट के स्कूटी या बाइक पर बिठाया जाता है तो बाइक या स्कूटी जब्त हो जाएगी। यही नहीं, साथ में चालान भी होगा।
केंद्रीय मोटर वाहन विनियम-2022 में इसके प्रावधान हैं
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय मोटर वाहन नियम-2022 के अनुसार दोपहिया वाहन चालकों को 9 महीने से लेकर 4 साल के बच्चे को अपने साथ ले जाते हुए विशेष एहतियात बरतने की आवश्यकता है। दोपहिया वाहन चालक को इस श्रेणी के बच्चों को सेफ्टी यानि सुरक्षा कवच पहनाना जरूरी है। इसके अलावा बच्चों को क्रैश हैल्मेट पहनाना भी जरूरी है।
बच्चे को स्कूटर और बाइक पर ले जाते समय गति सीमा निर्धारित
जानकारी हम आपको बता दे की नियमों के अनुसार यदि व्यक्ति अपने बच्चे को दोपहिया वाहन पर पर ले जा रहा है तो इसके लिए उस समय में बाइक की गति भी निर्धारित है। इस दौरान बाइक या अन्य दोपहिया वाहन की गति 40 किलोमीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
हादसों को लेकर क्या कहता है विभाग का सर्वे
परिवहन विभाग द्वारा किए गए आकलन में पाया है कि सड़कों पर वाहन चालकों की अपनी गलती से सबसे अधिक सड़क हादसे हो रहे हैं। इसे मानवीय भूल भी कह सकते हैं। विभाग ने पाया है कि प्रदेश में हुई सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक दुर्घटनाएं तेज रफ्तारी ओवर स्पीड और लापरवाही से हुई हैं। तेज रफ्तार व लापरवाही से वाहन चलाने पर कुल 550 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं जिसमें तेज रफ्तारी से वाहन चलाने पर 223 वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं तो वहीं लापरवाही से 327 वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं।