अगर आप घर बनवाने की सोच रहे हैं तो आपके लिए बुरी खबर है. क्योंकि लोहा ही नहीं, बल्कि सीमेंट कंपनियों ने भी प्रति बैग दाम बढ़ा दिये हैं. निर्माण गतिविधियों को देखते हुए सीमेंट कंपनियों ने ये फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक प्रति 50 किग्रा की बोरी पर 10 से लेकर 50 रुपए तक बढ़ाए गए हैं. अमुमन देखा गया है कि अगस्त सितंबर में सीमेंट के दाम घटते हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब दाम घटने के स्थान पर बढ़ाए गए हैं. इसलिए यदि आप घर या दुकान, मकान, कमर्शियल प्रॉपर्टी आदि कुछ भी बनाना चाहते हैं तो पहले के मुताबिक ज्यादा खर्च करना होगा.
मानसून का प्रभाव
दरअसल, मानसून कमजोर होते ही निर्माण गतिविधियों ने तेजी पकड़ ली है. जिसके बाद निर्माण सामग्री की डिमांड बढ़ने लगी. जिसके बाद पहले लोहा और उसके बाद सीमेंट कंपनियों ने दाम बढ़ा दिये हैं. हालांकि अगर सीमेंट कंपनियों के मुनाफे पर असर देखा जाता है तो ये देखना पड़ेगा कि ऊंची कीमतें कितने समय तक बनी रहती हैं. क्योंकि मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि सीमेंट के दाम सिर्फ नवंबर तक ही बढ़ेंगे. उसके बाद वापस सीमेंट अपने मूल रेट पर लौट आएगा. क्योंकि सर्दियों में निर्माण कम संख्या में होता है… इसलिए सीमेंट की डिमांड कम होते ही रेट भी घटा दिये जाएंगे.
सीमेंट के बढ़ हुए रेट
आपको बता दें कि सीमेंट के दामों में विगत दिवस ही इजाफा हुआ है. कंपनियों के मुताबिक 50 किग्रा के बैग पर 20 रुपए से लेकर 50 रुपए तक का इजाफा किया गया है. अलग-अलग कंपनी ने दाम निर्धारित किए हैं. 5 सितंबर से बढ़ी हुई कीमतें लागू कर दी गई हैं. आपको बता दें कि जुलाई से एक दम पहले सीमेंट के दामों में कटौती की गई थी. क्योंकि कंपनीज को अंदेशा था कि मानसून के चलते सीमेंट की डिमांड कम हो जाएगी. लेकिन जब तक बारिश पड़ी सिर्फ तब तक ही निर्माण कार्य बंद रहे. मानसून जाते ही निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं. जिसके चलते सीमेंट की डिमांड बढ़ गई है..