हिमाचल प्रदेश सरकार की इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना पर रोक लग गई है, ऐसे में अब प्रदेश की पात्र महिलाएं योजना के लिए फार्म नहीं भर सकेंगी और न ही विभाग इसके फार्म लेगा। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि जब तक आचार संहिता समाप्त नहीं होती तब तक इस तरह की योजना को कार्यान्वित नहीं किया जा सकता। ऐसे में अब प्रदेश की पात्र महिलाओं को इसके लिए और इंतजार करना होगा। मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना का ऐलान किया था। इसमें 5 लाख महिलाओं को एक अप्रैल 2024 से 1500 रुपए देने की घोषणा की थी और इसके लिए 800 करोड़ रुपए के प्रावधान की बात भी कही थी। इसके बाद योजना के तहत फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही कार्यान्वित की जाएगी योजना
सूत्रों की मानें तो कई जिलों में योजना के फार्म लिए जा रहे थे। जिला कार्यालयों में फार्म लेने व जमा करवाने के लिए महिलाओं की लाइनें लगी हुई थीं। इसके बाद चुनाव आयोग को इसकी शिकायत की गई थी, जिसके बाद इस पर रोक लगाने का फैसला लिया गया। अब जून महीने में चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही योजना को कार्यान्वित किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त मनीश गर्ग ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि इस तरह की लाभकारी योजना का कार्यान्वयन आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही किया जा सकता है। उधर, संबंधित विभाग ने भी मामले पर आयोग को क्लैरीफिकेशन भेजी है।
भाजपा ने की थी चुनाव आयोग से शिकायत
उधर, इससे पहले नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंगलवार को शिमला में पार्टी के अन्य विधायकों के साथ राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर कांग्रेस सरकार द्वारा आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन की शिकायत पर संज्ञान लेने और उचित कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया था। भाजपा नेता ने कहा कि महिलाओं को 1500 रुपए पैंशन के लिए आवेदन करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और सुक्खू की तस्वीरों वाले फार्म बांटे जा रहे हैं जो चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन है।