रोनहाट : जल शक्ति मंडल शिलाई के अंतर्गत रोनहाट में पंचायती राज संस्था की मनरेगा योजना के तहत बन रही सुरक्षा दीवार के फर्जी बिल बनाकर जल शक्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर लाखों रुपये का गबन करने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। खुलासा तब हुआ जब पंचायती राज संस्था ने जलशक्ति विभाग से जानकारी मांगी।
दरअसल, भूस्खलन के कारण रोनहाट स्थित जल शक्ति उपमंडल कार्यालय परिसर और साथ लगते एक निजी मकान की सुरक्षा के लिए जल शक्ति विभाग ने सुरक्षा दीवार लगाने का काम करवाया. स्थानीय लोगों ने शुरू से ही जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से बेहद घटिया और घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल की लगातार मौखिक शिकायत की, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इसके बावजूद विभाग के ठेकेदार द्वारा अपनी मनमर्जी से कार्य करते हुए कार्य को आधा-अधूरा छोड़ दिया गया।
इसके बाद स्थानीय पंचायत ने जल शक्ति विभाग और निजी घरों के परिसर को सुरक्षित करने के लिए भूस्खलन के शेष स्थान पर मनरेगा योजना के तहत पत्थर की सुरक्षा दीवार लगाने का काम शुरू किया। लेकिन जब मनरेगा के तहत लगाई जा रही सुरक्षा दीवार का लगभग आधा काम पूरा हो गया तो विकास खंड कार्यालय शिलाई के कनिष्ठ अभियंता ने जल शक्ति विभाग द्वारा लगाई गई सुरक्षा दीवार की माप के बारे में जानकारी मांगी।
जांच करने पर पता चला कि जल शक्ति विभाग के अधिकारियों ने अपनी दीवार की माप के साथ-साथ पंचायती राज संस्था द्वारा मनरेगा योजना के तहत बनाई जा रही सुरक्षा दीवार के फर्जी बिल बनाकर सरकारी खजाने से लाखों रुपये का गबन किया है। इसलिए स्थानीय लोगों द्वारा लिखित शिकायत पत्र हिमाचल सरकार के उपमुख्यमंत्री एवं जल शक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री को सौंपकर कार्रवाई की मांग की गई है. जिसमें मामले से जुड़े दस्तावेजों समेत इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी साझा किए गए हैं. शिकायत में बताया गया है कि शुरू से अंत तक किस तरह विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत और सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है.
स्थानीय लोगों की शिकायत है कि जब जल शक्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा अपने सरकारी उपमंडल कार्यालय परिसर की सुरक्षा दीवार में इतना व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है तो दूरदराज के इलाकों में किये गये कार्यों की गुणवत्ता और जमीनी हकीकत क्या होगी .
जल शक्ति मंडल शिलाई (Jal shakti vibhag bharti in shilai sirmaur) के अधिशाषी अभियंता राजेश कुमार ने बताया कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं है, क्योंकि यह कार्य कनिष्ठ अभियंता व सहायक अभियंता स्तर का है। यदि वास्तव में मैदानी अमले द्वारा अनियमितता की गई है तो यह बेहद गंभीर मामला है।
उपमुख्यमंत्री एवं जल शक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Deputy Chief Minister and Jal Shakti Minister Mukesh Agnihotri) ने बताया कि उनके कार्यालय को शिकायत मिली है, जिस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए तुरंत जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने मामले पर हैरानी जताते हुए कहा कि हमारी सरकार की भ्रष्टाचारियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है, इसलिए गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी.