हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंद्रनगर से पठानकोट रेल मार्ग (Jogindernagar to Pathankot rail route in Mandi district of Himachal Pradesh) पर चक्की खड्ड (railway bridge Chakki Khad) में बने रेल पुल के बह जाने से हजारों यात्रियों की सस्ते और सुलभ सफर की उम्मीदों को झटका लगा है। वहीं, रेल लाइन के साथ लगती कई ऐसी पंचायतें भी हैं, जो आवाजाही के लिए आज भी रेल सेवा पर ही निर्भर हैं।
डिविजिनल मंडल फिरोजपुर रेलवे (Manager of Divisional Division Ferozepur Railway) की प्रबंधक डॉ. सीमा शर्मा ने बताया कि पठानकोट से जोगिंद्रनगर रेल मार्ग पर इस वर्ष अप्रैल महीने से लेकर जून महीने तक रोजाना औसतन 4,000 यात्रियों ने सफर किया। बस की तुलना में इन यात्रियों को काफी कम किराए पर सफर करने की सुविधा मिली।
कार्यालय से ही मिली जानकारी के अनुसार जोगिंद्रनगर से लेकर पठानकोट (Jogindernagar to Pathankot) तक एक सवारी का किराया मात्र 70 रुपये लगता था। वहीं, बस में यही सफर तय करने के लिए 300 रुपये से अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है। इस तरह से कांगड़ा घाटी में रेल सेवाएं (Kangra Valley rail services) ठप होने से लोगों की जब पर अतिरिक्त भार पड़ा है।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के कंडवाल से लेकर मंडी के जोगिंद्रनगर (Kandwal in Kangra district of Himachal Pradesh to Jogindernagar in Mandi) तक 100 से ज्यादा पंचायतें ऐसी हैं, जहां आम आदमी रेल से सस्ता सफर करना पसंद करता है। इस तरह से कांगड़ा घाटी और मंडी (Kangra Valley and Mandi district) जिले के हजारों लोगों के लिए रेल यातायात की लाइफ लाइन के रूप में कार्य करती आई है।