सरकार जहां बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ जैसे अभियान चलाकर बेटियों के आगे बढ़ने का दम भरते नहीं थक रही है वहीं धरातल पर इसके विपरीत हो रहा है। जी हां, यह सच है।
हम बात कर रहे हैं एक ऐसी बेटी की जिसने कड़ी मेहनत करके Navodaya Vidyalaya की प्रवेश परीक्षा पास तो पास कर ली लेकिन वह सिस्टम के आगे फेल हो गई। इसके चलते अब उसे दाखिला नहीं मिल पा रहा है। यहा तक कि प्रशासन भी अपने हाथ खड़े कर चुका है, ऐसे में होनहार बच्ची का भविष्य बीच मझधार में अटक कर रह गया है।
स्कूल प्रशासन मांग रहा जगह के कागजात
जानकारी के अनुसार 8 वर्षीय नंदिनी सुकेतिया ने Jawahar Navodaya Vidyalaya की प्रवेश परीक्षा दी। परीक्षा में पास होने के बाद उसका चयन नवोदय विद्यालय के लिए हो गया। बेटी की इस उपलब्धि पर उसके माता-पिता काफी खुश हुए। जब वे नवोदय विद्यालय में नंदनी का दाखिला करवाने गए तो स्कूल प्रशासन ने उन्हें यह कहकर वापस लौटा दिया कि जिस स्कूल में छात्रा ने 4 वर्षों तक पढ़ाई की है उस क्षेत्र का प्रमाण पत्र लेकर आओ।
अभिभावकों ने जैसे-तैसे कागजात तैयार करके स्कूल प्रशासन को सौंप दिए लेकिन बावजूद इसके बच्ची का दाखिला नहीं हो पाया। वहीं स्कूल प्रशासन का कहना है कि जो कागजात दिए गए हैं उसमें जगह गलत भरी गई है। अभिभावकों को राजस्व विभाग से जगह के कागजात लाने को कहा है जो अभी तक नहीं आए हैं।
बता दें कि जिस क्षेत्र मे बच्ची का स्कूल था, वह आर्मी का क्षेत्र है। यह जगह न तो ग्रामीण क्षेत्र में आती है और न ही शहरी क्षेत्र में। वर्ष 2006 से इस कथित क्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है। इसी कारण यहां 2006 के बाद प्रधान व वार्ड पंच के चुनाव तक नहीं हो पाए हैं। यही कारण है कि कोई भी राजस्व अधिकारी इस क्षेत्र के संदर्भ में लिखकर देने को तैयार नहीं है।
उधर, नंदनी के माता-पिता कहना है कि हमारी बेटी ने कड़ी मेहनत से परीक्षा पास की है। उसकी मेहनत को देखते हुए उसका दाखिला होना चाहिए न की जगह को देखते हुए उसके सपने विभाजित करने चाहिए।
Nandani’s father Raman Suketia ने सरकार से मांग की है कि बच्चों को उनकी मेहनत के हिसाब से नवोदय स्कूल में दाखिला देना चाहिए न कि जगह और कोटा सिस्टम को देखकर। उन्होंने कहा कि न्याय पाने के लिए हम वो सब करेंगे जो करना चाहिए ताकि होनहार छात्रों को शिक्षा का हक पाने के लिए किसी के आगे हाथ न फैलाने पड़े।
वहीं जब इस मामले को लेकर DC Kangra, Dr. Nipun Jindal से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नवोदय विद्यालय को भी इस संदर्भ में पत्र लिखा गया है। इस मामले को संबंधित प्राधिकारियों के सामने रखा जाएगा तथा जो भी संभव होगा उसे पूरा करने की कोशिश की जाएगी।