यहां पत्नी, बेटी और बहन का कोई पता नहीं है और दूसरी ओर डॉक्टरों ने मां का पैर भी काट दिया. इस त्रासदी ने नितेश के खुशहाल परिवार को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। पंडोह की सीमा से सटे सांबल गांव के 22 वर्षीय नितेश को नहीं पता कि उसे अपनी मां की देखभाल के लिए अस्पताल जाना चाहिए या पूरे दिन सांबल में खड़े रहकर अपनी पत्नी, बेटी और बहन की तलाश करनी चाहिए
बीती 14 अगस्त की सुबह नितेश के परिवार के लिए नया सवेरा नहीं बल्कि कालरात्रि बनकर आई। पूरा परिवार चैन की नींद सोया था तभी आसमान से ऐसी आफत बरसी कि परिवार के तीन सदस्यों का आज दिन तक कहीं कोई सुराग नहीं मिल पा रहा। नितेश उस सुबह का हाल बताते हुए कहता है कि सुबह लगभग 5 बजे घर के पीछे अचानक ढेर सारा मलबा आ गया।
घर के सभी लोग बाहर निकल आए। 6 महीने की सानिया घर के अंदर ही रह गई थी। नितेश की 18 वर्षीय पत्नी मोनिका और 17 वर्षीय बहन रविता उस दुधमुंही को बचाने के लिए घर के अंदर गई। ये दोनों यही सोचकर घर में गई कि बच्ची को उठाकर तुरंत बाहर आ जाएंगी, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था।
अचानक मलबा घर पर आ गया और तीनों घर सहित उस मलबे में दब गईं। 45 वर्षीय माता रचना देवी और 11 वर्षीय एक अन्य बहन गोपी मलबे की चपेट में आ गई और उसके साथ बहती चली गई। इतने में गांव वालों को पता चल गया और उन्होंने दोनों मां-बेटी को बाहर निकाल दिया। नितेश और उसकी एक अन्य 15 वर्षीय बहन जाह्नवी भागकर खुद को बचाने में कामयाब हो सके।
मां का पैर भी डॉक्टरों ने काट दिया
इस हादसे में नितेश की मां के पांव में गंभीर चोट लगी थी। स्थानीय लोगों और पुलिस के सहयोग से जैसे-तैसे मां को अस्पताल पहुंचाया क्योंकि चारों तरफ सड़कें बंद थी और जाने का कोई रास्ता नहीं बचा था।
मेडिकल कॉलेज नेरचौक में उपचार के दौरान पांव का इन्फैक्शन इतना बढ़ गया कि डाक्टरों को घुटने से नीचे पांव ही काटना पड़ गया। परिवार के इकलौते सहारे नितेश के सिर पर दुखों का पहाड़ टूटने के साथ-साथ जिम्मेदारियों का बोझ भी आन पड़ा है।
अब नितेश को समझ नहीं आ रहा कि अस्पताल में उपचाराधीन मां को संभाले या फिर सांबल में आकर दिन भर अपनी पत्नी, बेटी और बहन के लिए चल रहे तलाशी के कार्य को देखे। 8 वर्ष पहले नितेश के पिता की मृत्यु हो चुकी है और मौजूदा समय में नितेश ही अपनी मां, पत्नी, बेटी और तीन बहनों को संभाल रहा था। नितेश ने जिला प्रशासन से पत्नी, बेटी और बहन के शवों को जल्द से जल्द ढूंढने की गुहार लगाई है।