HPMC आने वाले दिनों में जूस की थोक की कीमतें बढ़ाने जा रहा है,खास बात यह है कि इससे MRP पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कीमतें बढ़ाने संबंध फैसला आज हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के निदेशक मंडल की बैठक (Board of Directors of Himachal Pradesh Marketing Corporation) में लिया गया । बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह (chairmanship of Horticulture Minister Mahendra Singh) की अध्यक्षता में शिमला में हुई बैठक में जूस की कीमतें बढ़ाने को मंजूरी दी गई। इसके अलावा सेब सीजन (apple season) के दृष्टिगत 150 कर्मचारी आउटसोर्स (outsource 150 employees) पर रखने की मंजूरी दी है।
पैकिंग सामग्री महंगी होने और प्लास्टिक स्ट्रा के महंगा होने की वजह से कीमतें बढ़ाने का निर्णय लिया है। सिंगल यूज्ड प्लास्टिक पर बैन लगने के कारण कागज की स्ट्रा की कीमत तीन से चार गुणा है। इसलिए जूस की थोक कीमतों के इजाफा किया जाएगा। इससे ग्राहकों पर असर नहीं पड़ेगा बल्कि थोक जूस विक्रेताओं का मार्जन कम होगा।
इसके अलावा बीओडी में एचपीएमसी के पराला स्थित प्रोसेसिंग प्लांट के बचे हुए काम में तेजी लाने और इसे जल्द शुरू करने का निर्णय लिया है। पराला में एचपीएमसी 1134 करोड़ रुपए की विश्व बैंक परियोजना के तहत प्रोसेसिंग प्लांट बना रहा है।
यहां पर एपल जूस के अलावा सेब से बनने वाले विभिन्न उत्पादन बनाए जाने है। HPMC ने इसे मौजूदा सीजन में ही तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस बैठक में ब सीजन के दृष्टिगत 150 कर्मचारी आउटसोर्स (outsource 150 employees) पर रखने की मंजूरी दी है। सेब सीजन के दौरान निगम हर साल चार से पांच महीने के लिए कर्मचारियों को आउटसोर्स पर रखती है।
इन्हीं के माध्यम से मंडी मध्यस्थता योजना का सेब खरीदा जाता है। बागवानों को सेब की पैकिंग के लिए कार्टन, ट्रे, आपरेटर इत्यादि जल्द मुहैया कराने तथा एक अनुबंध कर्मचारी को रेगुलर करने की मंजूरी दी गई।