हिमाचल प्रदेश के 21.48 लाख घरेलू और 4.18 लाख अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं को अप्रैल अंत में महंगी बिजली का झटका लग सकता है। 251 करोड़ के घाटे का हवाला देकर बिजली बोर्ड ने दरें बढ़ाने के लिए नियामक आयोग में याचिका दायर की है। याचिका पर आयोग ने 28 अप्रैल को जन सुनवाई निर्धारित की है। इस दौरान बिजली दरों को लेकर उपभोक्ताओं के सुझाव और आपत्तियां दर्ज किए जाएंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 6 मार्च को पेश किए बजट में बिजली बोर्ड को 420 करोड़ की सब्सिडी दी है। ऐसे में संभावित है कि उपभोक्ताओं पर नई दरों का ज्यादा बोझ नहीं डाला जाए।
कोरोना संकट में वर्ष 2020 में नियामक आयोग ने बिजली दरें नहीं बढ़ाईं थीं। सरकार ने मध्य वर्ष में बोर्ड को दी जाने वाली सब्सिडी की राशि को कैबिनेट बैठक में फैसला लेकर घटा दिया था। सरकार के इस फैसले से बिजली दरों के स्लैब पर सब्सिडी तय की गई है। बढ़ते स्लैब में जाने से सब्सिडी कम हो रही है। इस नई व्यवस्था से उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में करीब पचास रुपये से 350 रुपये प्रतिमाह बढ़ोतरी हुई है। उधर, बिजली बोर्ड भी कोरोना संकट के चलते राजस्व प्राप्ति कम होने का तर्क देते हुए दरें बढ़ाने की मांग कर रहा है। बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 5642.04 करोड़ के राजस्व की जरूरत बताई है। वर्ष 2020-21 की राजस्व प्राप्ति 5384.1 करोड़ बताई गई है।
बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं चाहते हैं तो नौ अप्रैल तक दें सुझाव
नई बिजली दरों में उपभोक्ता बढ़ोतरी नहीं चाहते हैं तो नौ अप्रैल तक अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करवा सकते हैं। राज्य विद्युत नियामक आयोग साल 2021-22 के लिए बिजली दरें तय करने से पहले जनता की राय भी लेगा। इसी कड़ी में 28 अप्रैल को आयोग के कसुम्पटी स्थित कार्यालय में जन सुनवाई होगी। लोगों के सुझाव-आपत्तियों का बिजली बोर्ड 17 अप्रैल तक लोगों को जवाब देकर भेजेगा। जवाब से असंतुष्ट लोग 23 अप्रैल तक दोबारा अपनी बात रख सकेंगे।
यहां दे सकते हैं सुझाव
- सचिव राज्य विद्युत नियामक आयोग का एसडीए कांप्लेक्स कसुम्पटी कार्यालय।
- ई मेल आईडी : cecomm@hpseb.in या edp@hpseb.in या secy-hperc@hp.gov.in