कुल्लू में जल्द ही राफ्टिंग गतिविधियां फिर से शुरू हो सकती है। दरअसल इसे लेकर प्रशासन की तरफ से तैयारी की जा रही है। इसके बाद पर्यटक फिर से कुल्लू-मनाली का रूख कर सकते हैं। कुल्लू में राफ्टिंग के लिए संभावनाएं तलाशने के लिए तकनीकी कमेटी निरीक्षण कर रही है। ब्यास नदी में राफ्टिंग करने के लिए तीन साइट रायसन, बबेली और पिरड़ी चयनित की गई हैं।
हिमाचल प्रदेश के कई जिलों को प्राकृतिक आपदा का कहर झेलना पड़ा है। जिसके चलते करोड़ों रुपए का पर्यटन कारोबार भी ठप हो गया है अन्य कारोबारी गतिविधियां भी धीमी पड़ गईं। इस आपदा के चलते स्थानीय कारोबारियों को खासा नुकसान झेलना पड़ा है।
वहीं, अब सरकार फिर से पर्यटन गतिविधियां शुरू करने जा रही है, जिससे पर्यटन कारोबार पटरी पर जल्दी लौट आए। कुल्लू में 15 सितंबर के बाद राफ्टिंग जैसी साहसिक गतिविधियां शुरू होने की संभावना है। इसके चलते कुल्लू में राफ्टिंग के लिए संभावनाएं तलाशने के लिए तकनीकी कमेटी निरीक्षण कर रही है।
मंगलवार को अटल विहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली की ओर से तकनीकी कमेटी ने रायसन से सब्जी मंडी बंदरोल और बबेली से वैष्णों माता मंदिर से भूतनाथ तक के स्ट्रेच का निरीक्षण किया। इसमें तकनीकी कमेटी में अटल विहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली के निदेशक अविनाश नेगी और राफ्टिंग केंद्र पिरडी के प्रभारी गिमनर सिंह सहित पु़लिस, पर्यटन विभाग, चिकित्सक मौजूद रहे।
आपदा के चलते लगा दी गई थी राफ्टिंग पर रोक
कमेटी ने पूरे स्ट्रेच की जांच करने के लिए तीन राफ्ट और दो क्याक चलाई, इसके बाद इन स्थानों को राफ्टिंग के लिए उपयुक्त माना हालांकि कुछ जगहों पर अभी पत्थर हैं जिनको हटाया जाएगा। कुल्लू जिले में आपदा के बीत जाने के बाद एक बार फिर से रिवर राफ्टिंग शुरू की जाएगी। साहसिक गतिविधियों पर लगाई रोक 15 सितंबर को हटाई जाएगी।
इस बार रिवर राफ्टिंग काफी चुनौतीपूर्ण रहेगी
माना जा रहा है राफ्टिंग गतिविधियां फिर से शुरू होने के बाद पर्यटक फिर से कुल्लू मनाली का रूख कर सकते हैं। ब्यास नदी में फिर से रिवर राफ्टिंग शुरू होगी, लेकिन इस बार रिवर राफ्टिंग काफी चुनौतीपूर्ण भी रहेगी। इस बार नए सिरे से इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी। कई स्थानों पर नदी ने रुख मोड़ा गया है। ऐसे में अब पर्यटक कुल्लू जिला में राफ्टिंग का आनंद ले सके इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।
ब्यास नदी में राफ्टिंग करने के लिए तीन साइटें चयनित
ब्यास नदी ने सबसे अधिक तबाही मचाई है। ब्यास ने अपना रुख मोड़ा है ऐसे में अब यहां पर स्ट्रेच की रेकी करने के बाद ही पता चल पाएगा कि राफ्टिंग के लिए उपयुक्त है या नहीं। ब्यास नदी में राफ्टिंग करने के लिए तीन साइटें रायसन, बबेली और पिरड़ी चयनित की गई हैं। जिला कुल्लू में 450 से अधिक राफ्टें, 400 गाइड, 115 एजेंसियां हैं। जिसमें रायसन, बबेली, पिरड़ी एजेंसियां पंजीकृत हैं। राफ्टिंग के कारोबार से जिले में हजारों लोग जुड़े हुए हैं।