हिमाचल प्रदेश के 14,301 छात्रों की छात्रवृत्ति निलंबित कर दी गई थी क्योंकि उनके आधार नंबर उनके बैंक खातों से जुड़े नहीं थे। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने 2022-23 के लिए राज्य सरकारों को प्री- और पोस्ट-स्कूल अनुदान के बजट को मंजूरी नहीं दी है। इस पत्र के जारी होने के साथ ही वर्ष 2023-2024 के लिए सभी विश्वविद्यालय बैठक बजट मानदंड का अनुपालन करने के निर्देश दिए गए। आधार संख्या से जुड़े नहीं खातों के लिए आवेदन संस्था स्तर पर स्व-अनुमोदित हैं।
उच्च शिक्षा कार्यालय ने सोमवार को सभी उप जिला निदेशकों, निजी और सार्वजनिक कॉलेजों के अध्यक्षों, प्रिंसिपलों और विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रारों को छात्रों को बैंक खातों को आधार संख्या से जोड़ने के बारे में सूचित करने के लिए कहा। इस संबंध में सोमवार को पत्र डॉ. उच्च शिक्षा कार्यालय के उप निदेशक हरीश कुमार जारी किया गया है। पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली छात्रवृत्ति राशि को डीबीटी के माध्यम से छात्रों के बैंक खातों में स्थानांतरित करने के लिए अनिवार्य है।
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शैक्षणिक सत्र 2022-23 के दौरान अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में 19,813 और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में 23,450 आवेदन प्रदेश सरकार की ओर से सत्यापित किए गए। प्री मैट्रिक योजना में 11,920 और पोस्ट मैट्रिक योजना में 17,042 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति राशि जारी की गई है। आधार कार्ड नंबर को बैंक खातों से नहीं जोड़ने वाले 7893 विद्यार्थियों की प्री मैट्रिक योजना में और 6408 विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक योजना में छात्रवृत्ति राशि जारी नहीं की गई है।
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रुकी छात्रवृत्ति लेने को जल्द दुरुस्त करने होंगे बैंक खाते केंद्र सरकार ने रुकी छात्रवृत्ति लेने के लिए विद्यार्थियों को अंतिम मौका देने का फैसला भी लिया है। इसके लिए सभी स्कूल-कॉलेज और विश्वविद्यालयों में छात्रवृत्ति के कार्यों को देखने वाले प्रभारियों को स्वयं कक्षाओं में जाकर विद्यार्थियों को जागरूक करने को कहा है। शिक्षकों की देखरेख में ही बैंक खातों को दुरुस्त करवाने के निर्देश भी दिए हैं।