हिमाचल प्रदेश के 401 विद्यार्थियों (students of Himachal Pradesh) को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग (coaching for competitive exams) के लिए एक-एक लाख रुपये मिलेंगे। उच्च शिक्षा निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए कॉलेज स्तर की शिक्षा पूरी कर चुके इन चयनित विद्यार्थियों की अंतिम योग्यता सूची जारी कर दी है। कोचिंग देने के लिए चयनित किए जाने वाले संस्थानों के लिए भी निदेशालय ने मानदंड तय कर दिए हैं।
कोचिंग संस्थानों को सफलता की दर काफी अधिक होने पर ही तीन वर्ष के अनुभव की शर्त में छूट दी जाएगी। संस्थानों को चयनित होने के लिए बैंक गारंटी जमा करवाना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
मेधा प्रोत्साहन योजना (Medha Protsahan Yojana) में नीट, जेईई, एनडीए, बैंकिंग, एसएससी, यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग के लिए अधिकतम एक लाख रुपये तक की वित्तीय मदद का प्रावधान है। योजना में हिमाचल के स्थायी निवासी विद्यार्थियों को शामिल किया गया है।
दसवीं और बारहवीं कक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों की सूची अलग से जारी होगी। सामान्य सहित अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आईआरडीपी और बीपीएल श्रेणी के विद्यार्थियों का दसवीं, बारहवीं कक्षा और कॉलेज में प्राप्त किए अंकों के आधार पर चयन किया गया है।
उनको मिलैगा मौका जिनके परिवार की कुल आय 2.50 लाख से अधिक नहीं
हिमाचल के जिन विद्यार्थियों के परिवार की कुल आय 2.50 लाख प्रतिवर्ष से अधिक नहीं है, उन्हें सरकार की ओर से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग दी जाएगी। योजना में चयनित विद्यार्थी को संबंधित कोचिंग संस्थान में सभी कक्षाओं में उपस्थित रहना अनिवार्य रखा गया है।
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इस योजना में चयनित विद्यार्थी को जीवनकाल में अधिकतम एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। मेधावी की ओर से जिस भी कोचिंग संस्थान में प्रवेश लेना हो, उस संस्थान में आवश्यक संख्या में योग्य शिक्षक होने चाहिए। उस संस्थान में कक्षाओं के संचालन के लिए आधारभूत संरचनानुसार पुस्तकालय और उपकरण आदि का समावेश होना आवश्यक है।
संस्थानों को संबंधित कोचिंग कार्यक्रम में न्यूनतम तीन वर्ष का अनुभव होना चाहिए। यदि किसी संस्थान की सफलता की दर काफी अधिक हो तो उस संस्थान को तीन साल से कम समय के लिए काम करने पर भी पात्र माना जा सकता है।