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]]>शुक्रवार को विधानसभा में विधायक रणधीर शर्मा (MLA Randhir Sharma) द्वारा नैना देवी (Naina Devi) विधानसभा क्षेत्र में बढ़ रही बिजली की समस्या को लेकर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए उन्होंने माना कि प्रदेश में बिजली की लो वोल्टेज की समस्या एक गंभीर विषय है। इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार काम कर रही है।
राज्य सरकार प्रदेश में बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सिंगल फेज के कारण लोगों को लो वोल्टेज की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार की RDSS यानि पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र सुधार योजना मंजूर हुई, जिसे डी-सेंट्रलाइज करने की जरूरत है।
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]]>The post हिमाचल में अब उपभोक्ताओं को नहीं मिलेगी सस्ती बिजली appeared first on Himachal News.
]]>घरेलू, औद्योगिक और कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को फिलहाल राहत रहेगी। तीनों श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली दरों पर सब्सिडी (Subsidy on electricity rates Himachal) मिलती रहेगी। पांच किलोवाट से अधिक क्षमता वाले मीटर लगाने वाले वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को 6.52 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी। अधिकांश दुकानदार इसके दायरे में नहीं आएंगे।
आपको बता दे की होटल, मॉल सहित बड़े कारोबारियों पर सरकार के फैसले का असर पड़ेगा।ऊर्जा सचिव ने राज्य विद्युत विनियामक आयोग को पत्र जारी कर सब्सिडी को हटाकर नई बिजली दरें जारी करने का आग्रह किया है।
सिंचाई, पेयजल योजनाओं, स्ट्रीट लाइट, अस्थायी सप्लाई, ईवी चार्जिंग स्टेशन, रेलवे और नॉन डोमेस्टिक और नॉन कामर्शियल उपभोक्ताओं को अब एक रुपये की सब्सिडी नहीं मिलेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि बिजली सेक्टर में सुधार के लिए होटलों को एक रुपये की सब्सिडी दी जाती थी। इस सब्सिडी को बंद करने के आदेश दे दिए हैं। विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि किसी को भी वाणिज्यिक गतिविधि के लिए अब बिजली में सब्सिडी नहीं दी जाएगी। गरीब आदमी को 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है। घरेलू बिजली पर अभी तक कोई फैसला नहीं किया गया है। दूसरे चरण में किस-किस सेक्टर की सब्सिडी बंद होगी, इस पर भी जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
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]]>सुक्खू सरकार ने कैबिनेट में जो निर्णय लिया है हालांकि उस पर अभी अधिसूचना जारी होगी और उससे स्थिति स्पष्ट हो जाएगी, परंतु सूत्रों की मानें तो जो प्रोपोजल कैबिनेट ने मंजूर किया है उसके अनुसार प्रदेश में लगभग 18 से 20 लाख उपभोक्ताओं पर मार पडऩे वाली है। उनको सरकार द्वारा दी जा रही सबसिडी अब नहीं मिल पाएगी। सरकार ने बिजली की सबसिडी को एक मीटर तक सीमित कर दिया है। यानी जिस व्यक्ति के नाम पर चाहे कितने भी मीटर लगे हों उसे केवल एक ही मीटर पर 125 यूनिट तक फ्री बिजली या सबसिडी मिलेगी , जिसके अलावा सभी मीटरों पर नियामक आयोग द्वारा तय किया गया टैरिफ देना होगा।
भविष्य में बीपीएल, आईआरडीपी व अंत्योदय के उपभोक्ताओं को छोड़ दें, तो अन्य सभी उपभोक्ताओं को एक मीटर के अलावा अन्य बिजली मीटरों पर 0 से 125 यूनिट तक पांच रुपए 60 पैसे प्रति यूनिट बिजली का बिल चुकाना होगा, तो वहीं 126 यूनिट से 300 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने पर छह रुपए प्रति यूनिट की दर से बिल देना होगा। इसके बाद 300 यूनिट से ऊपर छह रुपए 25 पैसे प्रति यूनिट बिल लगेगा।
प्रदेश सरकार के इस फैसले से बिजली बोर्ड को सीधे रूप से नहीं बल्कि सरकार को सीधा फायदा होगा। बोर्ड को साल के अंत में सबसिडी के रूप में जो पैसा सरकार दे रही थी वो उसे नहीं देना पड़ेगा। सरकार को इस फैसले से करीब 1500 करोड़ रुपए से ऊपर का लाभ होगा। अभी मीटरों का सर्वे करने के बाद साफ हो पाएगा कि सरकार को सबसिडी का कितना पैसा बचता है।
वर्तमान में घरेलू उपभोक्ता 0 से 125 यूनिट तक कोई पैसा नहीं दे रहे थे जिनको बिजली मुफ्त की गई थी। 126 यूनिट से 300 यूनिट तक चार रुपए 17 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिल आ रहा था और 300 यूनिट से ऊपर 5 रुपए 22 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दर निर्धारित थी।
सरकार द्वारा जो सबसिडी अभी तक सभी मीटरों पर दी जा रही थी, उसके अनुसार 125 यूनिट तक फ्री बिजली का पांच रुपए 60 पैसे सरकार सबसिडी के रूप में बोझ उठा रही थी। 126 यूनिट से 300 यूनिट तक सरकार एक रुपए 83 पैसे प्रति यूनिट सबसिडी दे रही थी, तो वहीं 300 यूनिट से ऊपर एक रुपए 30 पैसे प्रति यूनिट की सबसिडी का बोझ सरकार पर पड़ रहा था। अब सरकार केवल एक मीटर का बोझ ही सहन करेगी और शेष पर जनता को बोझ उठाना पड़ेगा।
कुछ श्रेणियों को सबसिडी में पूरी तरह से बाहर रखा है। इसमें मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों के साथ प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों को भी शामिल किया है। वहीं अहम बात है कि उद्योगों को भी अब सबसिडी का लाभ नहीं मिलेगा, वे भी सबसिडी से बाहर हो जाएंगे। उद्योगों की कुछ कैटेगरी को सबसिडी मिल रही थी, जिनको बाहर किया जाएगा।
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]]>The post अब बिजली के एक ही मीटर पर मिलेगी सब्सिडी, मीटरों को आधार नंबर से जोड़ने की तैयारी appeared first on Himachal News.
]]>हिमाचल प्रदेश में एक घरेलू उपभोक्ता को एक ही बिजली के मीटर पर सब्सिडी मिलेगी। जिस उपभोक्ता के नाम से एक से अधिक मीटर हैं, उसकी सब्सिडी बंद करने की तैयारी शुरू हो गई है। आधार नंबरों से बिजली मीटर के नंबरों को जोड़ने में बोर्ड प्रबंधन जुट गया है। सोलन और चंबा जिला में आधार का पंजीकरण शुरू कर दिया है। अन्य जिलों में भी जल्द रक्रिया शुरू हो जाएगी। अप्रैल 2024 से प्रदेश में नई व्यवस्था लागू हो सकती है।
प्रदेश सरकार ने आर्थिकी को मजबूत करने के लिए एक उपभोक्ता को एक ही बिजली मीटर पर सब्सिडी देने का विचार बनाया है। वित्त महकमे की ओर से गए इस प्रस्ताव को सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर मंजूर कर दिया है।
चालू वित्त वर्ष के लिए विद्युत नियामक आयोग की दरें जारी रहेंगी। उपभोक्ताओं के आधार नंबर से मीटरों को जोड़ने के लिए ऊर्जा विभाग ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Information and Technology Department) से लाइसेंस ले लिया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया करवाने के लिए दी जाने वाले सब्सिडी के लिए सरकार की ओर से प्रतिवर्ष करीब 500 करोड़ रुपये जारी किए जाते हैं
उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरें और सब्सिडी (रुपये में)
स्लैब बिजली दरें प्रति यूनिट सब्सिडी
0-125 शून्य 2.14
126-300 4.17 1.10
300 से ऊपर 5.22 0.65
नई व्यवस्था से शहरों के मकान मालिकों और झुग्गी मालिकों की परेशानियां बढ़ने वाली हैं। शिमला समेत मुख्य शहरों में मकान मालिकों ने फ्लैट किराये पर चढ़ाए हैं। इनमें लगाए मीटर मकान मालिकों के नाम पर हैं। मैदानी जिलों विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास भूमि मालिकों ने झुग्गियां बसाई हैं। यहां भी भूमि मालिकों के नाम पर बिजली के मीटर लगे हैं।
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]]>The post हिमाचल बिजली बोर्ड में बंपर भर्ती भरे जाएंगे 2600 पद, बैठक में मिली मंजूरी appeared first on Himachal News.
]]>टीमेट की पदोन्नति के लिए भर्ती एवं पदोन्नति (teammates Recruitment and promotion) नियमों को भी संशोधित कर दिया गया है। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर अगली सर्विस कमेटी की बैठक में प्रस्ताव लाने पर सहमति जताई गई।
राज्य सचिवालय में ऊर्जा सचिव राजीव शर्मा की अध्यक्षता में निदेशक मंडल की बैठक में बोर्ड के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, विशेष सचिव वित्त रोहित जम्वाल सहित कई निदेशक मौजूद रहे।
सर्विस कमेटी की बैठक में ओपीएस बहाली को मंजूरी दी जानी है। अभी सर्विस कमेटी की आगामी बैठक तय नहीं हुई है। इसे लेकर कर्मचारियों में रोष है।
वीरवार को बोर्ड मुख्यालय कुमार सहित प्रदेश के सभी कार्यालयों में बिजली कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर अपना रोष जताया है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी ओपीएस बहाल नहीं होने से कर्मचारी वर्ग में रोष है।
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]]>The post हिमाचल में लग सकता है महंगी बिजली का झटका appeared first on Himachal News.
]]>इसके बाद विद्युत नियामक आयोग नई दरें तय करेगा। बोर्ड ने 90 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली महंगी करने का प्रस्ताव आयोग को भेजा है। ऐसी स्थिति में अगर राज्य सरकार से उपदान कम मिलता है तो अप्रैल से बिजली महंगी हो सकती है।
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पूर्व भाजपा सरकार ने 125 यूनिट तक बिजली निशुल्क कर दी थी। इसके एवज में प्रतिमाह 66 करोड़ उपदान राशि अलग से दी गई। ऐसे में अगर 125 यूनिट निशुल्क बिजली की योजना जारी रखनी है तो करीब 800 करोड़ के उपदान की जरूरत है।
अगर सरकार चाहती है कि 125 यूनिट से अधिक बिजली दर न बढ़ाई जाए तो करीब 1100 करोड़ के उपदान की बोर्ड को जरूरत होगी। इस राशि से कम उपदान मिलने की स्थिति में बोर्ड को घाटा होगा। इसके लिए नियामक आयोग दरों में बढ़ोतरी कर सकता है।
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अप्रैल से औद्योगिक और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका लगना तय है। इनके लिए बिजली दरें बढ़ाने का काम शुरू हो गया है। आयोग ने 4 मार्च को जन सुनवाई रखी है। 20 फरवरी तक उपभोक्ताओं से नई दरों को लेकर सुझाव और आपत्तियां मांगीं हैं।
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बोर्ड ने 928 करोड़ के घाटे का हवाला देकर आयोग के समक्ष याचिका दायर कर खर्चे पूरे करने के लिए वर्ष 2023-24 के लिए 7,129.99 करोड़ रुपये की जरूरत बताई है। 90 पैसे प्रति यूनिट दरें बढ़ाने का प्रस्ताव आयोग को दिया है। प्रतिमाह करीब 180 करोड़ रुपये वेतन और पेंशन के लिए बोर्ड को चाहिए होते हैं। बोर्ड करीब 25 लाख घरेलू और अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं को सप्लाई मुहैया करवा रहा है।
चलते-चलते एक खबर आपको यह भी बता दे हिमाचल प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 300 यूनिट बिजली निशुल्क मिलने के आसार कम हैं। आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार ने इस बाबत अभी कोई फैसला नहीं लिया है।
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]]>The post हिमाचल प्रदेश में जुलाई से सबको Free बिजली appeared first on Himachal News.
]]>हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में प्रतिमाह 124 यूनिट बिजली खपत (124 units of electricity per month) करने वाले उपभोक्ताओं को जुलाई से बिजली बिल नहीं आएंगे। बिजली बोर्ड ने इस बाबत सॉफ्टवेयर को अपग्रेड कर दिया है। प्रदेश के 11 लाख उपभोक्ताओं को इससे बड़ी राहत मिलेगी।
प्रतिमाह 124 यूनिट बिजली प्रयोग करने वाले उपभोक्ताओं के सरकार ने बिल माफ कर दिए हैं। जून में प्रयोग की बिजली के आधार पर जुलाई में जारी होने वाले बिल से यह छूट मिलेगी। 124 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले हिमाचल प्रदेश में करीब चार लाख उपभोक्ता हैं।
सात लाख उपभोक्ता 60 यूनिट प्रतिमाह बिजली खपत करने वाले हैं। इन सात लाख उपभोक्ताओं का सरकार ने अप्रैल से ही बिजली बिल माफ कर दिया है। अब 124 यूनिट प्रतिमाह बिजली खपत करने वालों के बिजली बिल भी माफ कर दिए गए हैं। हिमाचल सरकार के इस फैसले से कुल करीब 11 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। इन उपभोक्ताओं को बोर्ड की ओर से कोई भी बिल जारी नहीं होगा। इसमें फिक्स चार्ज और मीटर रेंट की भी पूरी तरह से छूट रहेगी।
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]]>मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ये घोषणाएं शुक्रवार को चंबा के ऐतिहासिक चौगान में आयोजित 75वें राज्यस्तरीय हिमाचल दिवस समारोह के दौरान कीं। इससे पहले मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ ही पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी और एनएसएस के स्वयंसेवियों के मार्चपास्ट की सलामी भी ली। परेड की अगवाई आईपीएस अधिकारी मयंक चौधरी ने की।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान होली-उतराला मार्ग के निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपए की राशि देने का ऐलान भी किया है। उन्होंने जिला मुख्यालय चंबा में मिनी सचिवालय भवन के निर्माण हेतु कागजी औपचारिकताएं पूर्ण होते ही बजट उपलब्ध करवाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी की विकट परिस्थितियों के बावजूद प्रदेश में विकास की रफ्तार को थमने नहीं दिया गया है। प्रदेश सरकार हरेक वर्ग को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से राहत प्रदान कर रही है।
गत साढे़ चार वर्षों के दौरान प्रदेश में विकास के नए आयाम स्थापित हुए हैं। उन्होंने इस दौरान प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं की भी विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने समारोह के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रदेश की विभूतियों को भी सम्मानित किया।
सिविल सर्विस पुरस्कार की श्रेणी में कोरोना महामारी के दौरान बच्चों की शिक्षा हेतु बेहतर कार्य के लिए जिला प्रशासन कुल्लू और कोविड टीकाकरण के लिए जिला प्रशासन किन्नौर को पुरस्कृत किया गया। इन दो जिलों के उपायुक्तों ने मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान हासिल किया। प्रेरणास्रोत पुरस्कार की श्रेणी में पुलिस बैंड हारमनी ऑफ दि पाइन्स, मंडी जिला के डा. टेक चंद भंडारी, एक एनजीओ को सम्मानित किया गया, जबकि देश के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी का यही पुरस्कार उनके बेटे ने ग्रहण किया।
राज्य नवाचार पुरस्कार मुख्यमंत्री संकल्प योजना हेतु निदेशक आईटी मुकेश रेप्सवाल और नौणी विश्वविद्यालय की वैज्ञानित डा. निवेदिता शर्मा को दिया गया। इसके अलावा हिमाचल गौरव पुरस्कार की श्रेणी में पद्मश्री बाबा इकबाल सिंह का पुरस्कार सरदार जगजीत सिंह, विद्यानंद सरैक, ललिता वकील, साहित्य के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए डा. गौतम व्यथित व डा. प्रत्यूष गुलेरी और मूर्तिकला के लिए विजय राज उपाध्याय को प्रदान किया जाएगा।
समारोह के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों के सांस्कृतिक दलों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए। इस समारोह में विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार, सांसद किशन कपर, मुख्य सचेतक विक्रम जरयाल, विधायक पवन नैयर, जियालाल कपूर, मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, सचिव जीएडी भरत खेड़ा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक हरबंस ब्रेसकोन व उपायुक्त चंबा डीसी राणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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]]>The post बड़ी खबर : चुनावी वर्ष में महंगी बिजली का लगेगा झटका, अगले सप्ताह तय होंगी दरें appeared first on Himachal News.
]]>आगामी विधानसभा चुनावों के चलते उद्योगों और व्यावसायिक बिजली महंगी करने से भी नियामक आयोग बचेगा। प्रदेश में अगले सप्ताह वर्ष 2022-23 के लिए बिजली दरें तय होंगी। जनसुनवाई करने के बाद आयोग के अधिकारी इन दिनों दरों को तय करने में जुट गए हैं।
25 जनवरी को आयोजित प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में घरेलू ग्राहकों को 60 यूनिट तक निशुल्क और 125 यूनिट तक एक रुपये प्रति यूनिट बिजली का दाम तय किया है।
अप्रैल 2022 से यह व्यवस्था शुरू होगी। मई में जारी होने वाले बिजली बिल इस व्यवस्था के तहत आएंगे। सरकार ने 0 से 60 यूनिट तक खपत करने पर वसूली जाने वाली एक रुपये प्रति यूनिट की दर को निशुल्क कर दिया है। 61 से 125 यूनिट तक 1.55 रुपये की दर को घटाकर प्रति यूनिट एक रुपये कर दिया है।
ऐसे में नई दरों के तहत इन दो स्लैब में बदलाव होने की संभावना नहीं है। 126 यूनिट से श्रेणीवार 300 यूनिट तक के स्लैब की सरकार ने वर्ष 2020 में सब्सिडी घटा दी है। बिजली की अधिक खपत करने वालों को बड़े स्लैब में जाते ही सब्सिडी कम मिलती है।
ऐसे में आयोग इस बार दरों में बढ़ोतरी करे, ऐसे आसार कम हैं। इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव भी हैं, ऐसे में बिजली दरों को बढ़ाकर सरकार भी जनता की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहेगी। हिमाचल प्रदेश में करीब 25 लाख घरेलू और अन्य श्रेणियों के उपभोक्ता हैं।
हिमाचल में आम आदमी पार्टी की फ्री बिजली का दबाव भी करेगा काम ( Aam Aadmi Party’s free electricity pressure will also work in Himachal )
पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी की हिमाचल प्रदेश में सक्रियता बढ़ गई है। आम आदमी पार्टी बिजली को 100 से 200 यूनिट तक फ्री में देने के पक्ष में बात करती है। ऐसे में सरकार पर आम आदमी पार्टी की रणनीति का दबाव भी है। अगर प्रदेश में बिजली दरें बढ़ती हैं तो आगामी नगर निगम शिमला और विधानसभा चुनावों में विपक्षी दल इसे बड़ा मुद्दा बनाएंगे। इन परिस्थितियों ने हिमाचल सरकार की चिंताएं भी बढ़ाई हुई हैं।
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