शिमला पुस्तक मेला (Shimla Book Fair) का तीसरा दिन हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की लोकप्रिय लोककथाओं और क्षेत्रीय साहित्य पर केंद्रित रहा। मेले में 63 स्टालों पर हजारों किताबें प्रदर्शित की गई हैं, उनमें अपनी पसंद की किताबें खरीदने के लिए लगातार लोगों की कतार लगी हुई है। भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में प्रदर्शित पुस्तकों में अपनी पसंद के विषयों में उपलब्ध पुस्तकों को लेने के लिए शिमला में लोग अति उत्साहित हैं। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा आयोजित यह पुस्तक मेला गेयटी थिएटर और पदम देव परिसर में 3 जुलाई 2022 तक चलेगा।
मेले में आने वाले बच्चों के लिए आज चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। शिमला के 10 प्रमुख विद्यालयों से 55 से भी अधिक छात्रों ने प्रतियोगिता में भाग लिया। प्रतियोगिता का विषय था ‘पर्यावरण संरक्षण’। प्रतियोगिता के लिए आवश्यक सारी सामग्री न्यास द्वारा उपलब्ध कराई गई। सभी भाग लेने वाले बच्चों ने अपने रचनात्मक पक्षों को उजागर किया और कुछ अद्भुत कलाकृतियां प्रस्तुत कीं। भाग लेने वाले छात्रों को एनबीटी की किताबें भेंट की गईं।
साहित्यिक कार्यक्रमों के अंतर्गत ‘लोक साहित्य: पहाड़ी के सन्दर्भ में’ और ‘लोकगीत, लोककथा, लोकवार्ता- कितनी सहज कितनी दुर्लभ’ संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। इन् कार्यक्रमों डॉ. देवेंद्र गुप्ता (शिमला से), सुश्री उमा ठाकुर (शिमला से) और डॉ. सूरत ठाकुर (कुल्लू से) ने भाग लिया। अध्यक्षीय मंडल में कांगड़ा के डॉ. गौतम शर्मा ‘व्यथित’ और धर्मशाला के डॉ. प्रत्यूष गुलेरी उपस्थित थे।
आज हिमाचल प्रदेश के समृद्ध लोक और पारंपरिक संगीत और नृत्यों को प्रदर्शित करने वाले कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।