Unemployed is increasing in Himachal Day by Day
हम आपके लिए बड़ी खबर ले कर आये है जिसमे बात करंगे हिमाचल में हर साल बेरोजगारों की कतार बढ़ती जा रही है और यह आंकड़ा 8.50 लाख पार हो चुका है। वर्षों से रोजगार कार्यालयों में टकटकी लगाएं हैं कि कब नौकरी मिलेगी।
आपको बता दे की बेरोजगार कई साल से रोजगार दफ्तरों में अपना नाम पंजीकृत किए हैं और बार-बार अपने पंजीकरण का नवीनीकरण करते जा रहे हैं लेकिन रोजगार के नाम पर आज तक एक बार भी नाम नहीं निकला है।
ऐसे हजारों बेरोजगार हैं जो अपना नाम पंजीकृत कराने के बाद भी रोजगार न मिलने के कारण स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं और कई सरकारी नौकरी के लिए ओवर एज हो चुके हैं।
आपको बता दे की सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच साल में कुल 32,000 हजार से अधिक बेरोजगार रोजगार कार्यालयों में अपना नाम पंजीकृत करा चुके हैं।
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इनमें 11, 000 से अधिक शिक्षित युवतियां और 13,500 युवक शामिल हैं। इनमें उच्च शिक्षा प्राप्त बेरोजगारों की संख्या भी सबसे ज्यादा है, जिन्होंने स्नातकोत्तर और स्नातक की डिग्री विभिन्न संकायों में ले रखी है।
हिमाचल विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी बनेगा चुनावी मुद्दा (Unemployment will become an election issue in Himachal assembly elections)
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा बेरोजगारी ही बनेगा। भाजपा सरकार पर पांच साल तक बेरोजगारों की उपेक्षा करने के आरोप प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस लगाती रही है।
In Himachal Pradesh, the main issue in the assembly elections will be unemployment. The main opposition Congress has been accusing the BJP government of neglecting the unemployed for five years.
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हिमाचल चुनाव में जाने से पहले कांग्रेस नेता पहले ही साफ शब्दों में कह चुके हैं कि बेरोजगारी प्रमुख मुद्दा रहेगा। बेरोजगारों को रोजगार देने की गारंटी कांग्रेस ने दी है। भाजपा विपक्षी दलों के बेरोजगारी के मुद्दे पर कैसे काउंटर करेगी, यह चुनाव प्रचार में सामने आएगा।
कांग्रेस, आप और माकपा मुद्दा बनाकर चुनावी दंगल में उतरेंगे
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, आप और माकपा प्रदेश के बेरोजगारों के वोट बैंक पर अपनी निगाहें लगाए हैं। युवा बेरोजगारों की कतार में खड़े हैं। इस कारण से विपक्ष दल बेरोजगार युवा वोट बैंक को आकर्षित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते।
प्रदेश कांग्रेस के सचिव हरि कृष्ण हिमराल ने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले पांच साल में चहेतों को ही नौकरी दी है। रोजगार दफ्तरों में पंजीकृत ्युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया और आज बेरोेजगारों की संख्या 8.50 लाख पार हो चुकी है। यह शिक्षित बेरोजगारों से सिर्फ मजाक ही है। बेरोजगारी प्रमुख मुद्दा रहेगा।
माकपा के मजदूर संगठन सीटू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि भाजपा सरकार ने स्थानीय रोजगार किसी को नहीं दिया। भाजपा सरकार ने अपने चहेतों को रोजगार दिया और यह बेरोजगारों के साथ धोखा है।