यूनाईटेड थिएटर सोसायटी एंड आर्ट विलेज संस्था द्वारा आज़ादी का अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत हर घर तिरंगा उत्सव , हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी शिमला के सहयोग से मनाया गया. मुख्यअतिथि के रूप में हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ धर्मपाल कपूर, डॉ हेमराज उपस्थित थे. युवा रंगकर्मी वेद कुमार, चेतन कपूर, रोहित शर्मा, मनीष कपूर, अनिल महंत, प्रदीप ठाकुर , राजेन्द्र सिंह, ऐरिका शर्मा भी शामिल हुए.
आज़ादी की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर बच्चों ने कविता प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया. बच्चों में रिदित शर्मा, सिज़ल शर्मा, वैदेही शर्मा, देव सुकुमार, शौर्य शर्मा ने देश भक्ति की कविताएँ सुनाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. बच्चे हमारे देश का भविष्य है और उनमें देशप्रेम का जुनून देखकर मन रोमांचित हो उठता है. वैदेही शर्मा और सीज़ल शर्मा ने – देश मेरा रंगीला , गाने पर बहुत ही सुंदर डांस प्रस्तुत किया. शौर्य शर्मा ने कविता पाठ किया और पूर्णिमा शर्मा ने नाट्य प्रस्तुति में हिस्सा लिया. इस अवसर पर एक नाटक भी प्रस्तुत किया गया.
नाटक – जय जवान जय किसान, भूमि अधिग्रहण पर आधारित था. इस नाटक का निर्देशन वेद कुमार द्वारा किया गया. नाटक के माध्यम से बहुत सुंदर संदेश दिया गया कि आज किसान और लोग जमीन के पिछे एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए हैं. जायदाद के लिए भाई, भाई के खून का प्यासा हो गया है. मानवीय संवेदनाओं को भूलकर आपसी बैर से लोग भरे पड़े हैं.. लेकिन इस देश को जवान और किसान.. दोनों ही प्यारे हैं.
नाटक में पूर्णिमा शर्मा, राजेन्द्र सिंह, ऐरिका शर्मा, वेद कुमार और बाल कलाकारों ने प्रभावशाली अभिनय किया. इस स्वर्णिम अवसर पर डा. धर्मपाल कपूर द्वारा लिखित पुस्तक HALF THE WORLD का लोकार्पण भी सभी रंगकर्मियों के हाथों किया गया. आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सभी रंगकर्मियों ने अपने विचार भी साझा किए. रंगकर्मी चेतन कपूर ने कहा कि हमें पहले खुद को बदलना होगा तभी समाज बदलेगा..
प्रख्यात रंगकर्मी व निर्देशिका दक्षा शर्मा ने अपने विचार साझ करते हुए कहा कि आज जब चारों तरफ अराजकता का भय फैला हुआ है ऐसे में हमें धर्म और संप्रदाय के नाम पर आपसी भेदभाव को भूलकर मानवीय संवेदनाओं के प्रति संवेदनशील आचरण करने की और आपस में मिलजुल कर रहने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हम आज़ाद तो है लेकिन हमेशा आत्मव्लोकन करने की आवश्यकता है ताकि आज़ादी के सच्चे मायने हम समझ सके. डॉ धर्मपाल कपूर ने उत्सव संस्था की निर्देशिका दक्षा शर्मा को अपनी पुस्तक भेंट की. बच्चों ने इस ख़ास आयोजन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.